'हेंड टू हेंड मुठभेड़ में मुंह की खाने के बाद चीन ने चोर दरबाजे से भारत पर हमले की नाकाम कोशिश की। ये हमले एक दो-बार नहीं बल्कि 40 हजार 500 बार किए गए। ये साइबर हमले थे। भारत के पॉवर हाउस और कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों पर चीन ने हमलों की कोशिशों को भारत के साइबर शूरवीरों ने नाकाम कर दिया।'
गलवान में मुंह की खाने के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इशारे पर चीनी हैकरों ने पूरे भारत को अंधेरे में डुबोने की साजिश रची थी। इसके लिए सबसे पहले चीनी हैकरों ने भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई पर हमले की कोशिश की। केवल एक झटके के बाद चाईनीज हैकरों के हमले नाकाम रहे। भारत की जबरदस्त रक्षात्मक लाइन से चीन की साइबर आर्मी बौखला गई और पांच दिन के भीतर 40 हजार 500 बार हमले किए लेकिन एक भी हमला कामयाब नहीं हो सका। अगर, यह खुलासा किसी भारतीय एजेंसी ने किया होता तो विपक्षी दल इसमें भी मीनमेख निकालते, लेकिन चीन के साइबर हमलों और भारत की अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था की रिपोर्ट अमेरिकी अखबारों ने छापी है।
गलवान में मुंह की खाने के बाद चीन रची साइबर हमले की साजिश
बीते साल 12अक्टूबर को मुंबई में हुए पावर कट (Blackout) में चीन का साइबर हमला था। यह दावा एक अमेरिकी रिपोर्ट में किया गया है। मुंबई ब्लैकआउट का संबंध गलवान झड़प में चीन की हार से जुड़ा था। गलवान हिंसा के बाद लद्दाख में एलएसीपर जारी तनाव के बीच चीन भारत को यह मैसेज देना चाहता था कि अगर भारत ने अधिक सख्ती दिखाई तो पूरे देश को ब्लैक आउट का सामना करना पड़ेगा। चीन की मंशा भारत को अंधेरे में डुबोने की थी।
चीन ने 5 दिन में किए 40 हजार 500 हमले
एक अमेरिकी अखबार की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी हैकर्स की फौज ने अक्टूबर में मात्र पांच दिनों के अंदर भारत के पॉवर ग्रिड, आईटी कंपनियों और बैंकिंग सेक्टर्स पर 40,500बार साइबर अटैक किया था। भारत के पावर ग्रिड के खिलाफ एक व्यापक चीनी साइबर अभियान चलाया था। चीन यह दिखाने की कोशिश में था कि अगर सीमा पर उसके खिलाफ कार्रवाई की गई तो वह भारत के अलग-अलग पावर ग्रिड पर मैलवेयर अटैक (Malware attack) कर उन्हें ठप कर देगा।
सिर्फ दो घण्टे में नाकाम कर दिए गए हमले
ध्यान रहे, 12अक्टूबर 2020 की सुबह मुंबई में अचानक से बिजली सप्लाई बंद होने से हड़कंप मच गया था। मुंबई में कई दशक बाद बड़ा पावर आउटेज था। हालांकि, 2घंटे में ही पूरी मुंबई में पावर सप्लाई फिर से बहाल हो गई थी।
कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों पर भी किया अटैक
भारत की पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ही नहीं चीन के साइबर हैकरों ने कोरोना की वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को निशाना बनाने की कोशिश की थी। हाल ही में भारत में कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक को चीनी हैकरों ने निशाना बनाया था।
स्टोन पांडा भी शामिल था साइबर अटैक में
ऐसी खबरें हैं कि चीनी हैकिंग ग्रुप APT10ने भारत बायोटेक और सीरम इंस्टिट्यूट के आईटी इन्फ्रटास्ट्रक्चर में खामियों का फायदा उठाकर सेंध लगाई थी। APT10हैकिंग ग्रुप को स्टोन पांडा के नाम से भी जाना जाता है। हैकिंग ग्रुप ने दोनों कंपनियों के सप्लाई चेन सॉफ्टवेयर में भी सेंध लगाने की कोशिश की थी।
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सायफर्मा के चीफ एग्जिक्युटिव कुमार रीतेश का कहना है कि साइबर हमले का मुख्य उद्देश्य इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी को निशाना बनाना और भारतीय कंपनिया पर प्रतिस्पर्धी बढ़त हासिल करना है। रीतेश ब्रिटेश खुफिया एजेंसी एमआई-6 (MI6) में साइबर से जुड़े बड़े अधिकारी रह चुके हैं।