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NASA Moon Mission: भारत की कल्पना, सुनीता के बाद राजा चारी का नाम गर्व से लिया जाएगा

NASA Moon Mission: भारत की कल्पना, सुनीता के बाद राजा चारी का नाम गर्व से लिया जाएगा

<p id="content">भारतीय मूल की कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स के बाद अब राजा चारी का नाम बहुत गर्व के साथ लिया जाएगा। राजा चारी तीसरे भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री होंगे। आपको बता दें कि <a href="https://hindi.indianarrative.com/science/nasa-found-water-on-mars-human-colony-can-be-build-over-there-13604.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer">नासा</a> ने राजा चारी को मून मिशन का हिस्सा बनाया है। इस टीम में राजा चारी सहित कुल 18 अंतरिक्ष यात्री होंगे। नासा (NASA) के इस मिशन का नाम <strong>आर्टेमिस</strong> है।</p>
नासा इस कार्यक्रम के माध्यम से चंद्रमा को लेकर अपनी नई प्रौद्योगिकियों, क्षमताओं और व्यापार दृष्टिकोण का प्रदर्शन करना चाहता है। हालांकि,  <a href="https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%86%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%87%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B8_%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AE#:~:text=%E0%A4%86%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%87%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B8%20%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AE%20%E0%A4%85%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A5%80%20%E0%A4%85%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%20%E0%A4%8F%E0%A4%9C%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A5%80,%E0%A4%94%E0%A4%B0%20%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A4%BE%20%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80%20%E0%A4%9C%E0%A5%81%E0%A4%9F%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BE%20%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A5%A4" target="_blank" rel="noopener noreferrer">आर्टेमिस मून मिशन</a> साल 2024 के लिए प्रस्तावित है। इसमें शामिल अंतरिक्ष यात्रियों की यह टीम विविध पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते हैं।
<h3>कौन हैं राजा चारी</h3>
राजा चारी का परिवार मूल रूप से भारत के आंध्रप्रदेश का रहने वाला है। उनके दादा वेंकट चारी हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी में गणित के प्रोफ़ेसर थे। उनके पिता श्रीनिवास चारी 1970 में भारत से अमरीका पढ़ाई करने आए थे और आयोवा के सीडर फ़ॉल्स में बस गए थे। राजा चारी ने एस्ट्रोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री और एयरोनॉटिक्स और एस्ट्रोनॉटिक्स में मास्टर डिग्री की है। उन्होंने एफ -15 ई अपग्रेड और फिर एफ -35 विकास कार्यक्रम पर काम किया है। आपको बता दें कि राजा चारी को साल 2017 के नासा के अंतरिक्ष कार्यक्रम की क्लास के लिए चुना गया था।

राजा चारी ने एक वेबसाईट से बातचीत में बताया था कि वह आख़िरी बार 2006 में भारत गए थे। वे अमरीकी लड़ाकू विमानों के एक दल में विमान लेकर बेंगलुरु एयर शो में शामिल होने गए थे। उनका कहना था कि पहले भी वह कई बार भारत जा चुके हैं। उन्हें भारतीय खाना बहुत पसंद है। राजा चारी बताते हैं कि अब वह और उनका परिवार ह्यूस्टन में भी भारतीय रेस्तरां में खाने का स्वाद लेने के लिए आतुर रहता है।
<h3>आर्टेमिस टीम के सदस्य</h3>
आर्टेमिस टीम के सदस्यों में  राजा चारी के अलावा जोसेफ अकाबा, कायला बैरोन, मैथ्यू डोमिनिक, विक्टर ग्लोवर, वारेन होबुर्ग, जॉनी किम, क्रिस्टीना हैमॉक कोच, केजेल लिंडग्रेन, निकोल ए मान, ऐनी मैकमैन, जेसिका मीर, जैस्मीन मोगबेली, केट रूबिन्स, फ्रैंक रूबियो, स्कॉट टिंगल, जेसिका वॉटकिंस और स्टेफ़नी विल्सन शामिल हैं।

<img class="wp-image-21114 size-full" src="https://hindi.indianarrative.com/wp-content/uploads/2020/12/ARTE.png" alt="आर्टेमिस मून मिशन" width="1200" height="800" /> आर्टेमिस मून मिशन साल 2024 के लिए प्रस्तावित है।
<h3>आर्टेमिस कार्यक्रम क्या है?</h3>
आर्टेमिस कार्यक्रम के माध्यम से NASA साल 2024 तक मनुष्य (एक महिला और एक पुरुष) को चंद्रमा पर भेजना चाहता है। इस मिशन का लक्ष्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव सहित चंद्रमा की सतह पर अन्य जगहों पर अंतरिक्ष यात्रियों को उतारना है। आर्टेमिस कार्यक्रम के माध्यम से नासा (NASA) अपनी नई प्रौद्योगिकियों, क्षमताओं और व्यापार दृष्टिकोण का प्रदर्शन करना चाहता है। जो भविष्य में मंगल ग्रह के अन्वेषण के लिये आवश्यक होंगे।
<h3>तीन भागों में विभाजित है कार्यक्रम</h3>
<strong>पहला भाग आर्टेमिस I (Artemis I) है</strong> जो कि पूरी तरह से मानवरहित होगा और इसमें नासा द्वारा प्रयोग किये जाने वाले स्पेस लॉन्च सिस्टम (Space Launch System- SLS) और ओरियन अंतरिक्ष यान (Orion Spacecraft) का परीक्षण किया जाएगा। इसे अगले साल 2021 तक लॉन्च किया जाएगा।

<strong>दूसरा भाग आर्टेमिस II (Artemis II) है</strong> जिसमें मानव दल को शामिल किया जाएगा और इसे साल 2023 तक लॉन्च किया जाएगा। हालांकि मिशन के इस हिस्से में चंद्रमा की सतह पर लैंड नहीं किया जाएगा।

<strong>मिशन का तीसरा और अंतिम भाग आर्टेमिस II (Artemis III) है</strong> जिसे साल 2024 में लॉन्च किया जाएगा और मिशन के इस हिस्से के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारा जाएगा।.