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NASA ने ढूंढा पृथ्वी जैसा दूसरा ग्रह! इस ग्रह पर बेशुमार पानी के साथ-साथ जीवन के संकेत।

NASA को मिली 'दूसरी पृथ्वी'!

NASA को बड़ी कामयाबी मिली है। नासा ने पृथ्वी जैसा ही एक दूसरा ग्रह ढूंढ निकाला है,जहां बेशुमार पानी के साथ-साथ जीनव के संकेत भी मिले हैं। और तो और इस ग्रह पर नासा ने कई रहस्यों की खोज की है। इस ग्रह पर मिथेन गैस के अलावा कार्बन डाई ऑक्साइड की भी मौजूदगी है।

NASA के वेब टेलीस्‍कोप ने एक ऐसे ग्रह का पता लगाया है जिस पर मिथेन गैस के अलावा काबर्न डाई ऑक्‍साइड भी मिली है। माना जा रहा है कि इस खोज के बाद इस ग्रह पर भी जीवन हो सकता है। नासा ने यह खास जानकारी दी है।

नासा(NASA) के वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से कई प्रकाश वर्ष दूर एक विशाल एक्सोप्लैनेट पर एक महासागर के होने का ऐलान किया है। साथ ही वैज्ञानिकों की माने तो इस ग्रह पर संभावित जीवन की तरफ इशारा करने वाला एक रासायन पदार्थ भी मिला है। यह खोज नासा के जेम्स वेब टेलीस्कोप की तरफ से की गई है।

NASA की मानें तो जो एक्‍सोप्‍लैनेट मिला है वह पृथ्वी से 8.6 गुना बड़ा है। साथ ही एजेंसी को K2-18 b ग्रह के वातावरण की नई जांच में मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड समेत कार्बन के प्रभाव वाले अणुओं की उपस्थिति का भी पता चला है।

वैज्ञानिकों को कैसे मिली इसकी जानकारी

जेम्‍स वेब की खोज हाल के अध्ययनों से जुड़ती है जो बताती है कि K2-18 b एक हाइसीन एक्सोप्लैनेट हो सकता है, जिसमें हाइड्रोजन समृद्ध वातावरण और महासागर से ढंके होने की संभावना है। NASA ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि इस रहने योग्य क्षेत्र वाले एक्सोप्लैनेट के वायुमंडलीय गुणों के बारे में पहली जानकारी नासा के हबल स्पेस टेलीस्कोप से मिली है।

आखिर K2-18 b क्‍या है?

K2-18 b रहने योग्य क्षेत्र में ठंडे एकदम छोटे बौने से तारे K2-18 की परिक्रमा करता है। यह पृथ्वी से 120 प्रकाश वर्ष दूर है। K2-18 b जैसे एक्सोप्लैनेट, जिनका आकार पृथ्वी और नेपच्यून के बीच है, सौर मंडल की किसी भी चीज से काफी अलग हैं।

नासा के मुताबिक निकटवर्ती ग्रहों की कमी की वजह से इन ‘उप-नेपच्यून’ को अक्‍सर कम करके आंका जाता है। इसके अलावा उनके वायुमंडल की प्रकृति खगोलविदों के बीच सक्रिय बहस का विषय है। नासा के अनुसार K2-18 b एक हाइसीन एक्सोप्लैनेट हो सकता है।

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