अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 19अप्रैल को मंगल ग्रह पर इनजेनिटी हेलिकॉप्टर को उड़ाकर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। पहली बार हेलिकॉप्टर को धरती से कंट्रोल किया गया है। इसमें सबसे ज्यादा गर्व की बात ये है कि अमेरिका की इस सफलता के भारतीय मूल के वैज्ञानिक की मेहनत है। नासा के मार्स हेलिकॉप्टर जिसे इनजेनिटी के नाम से जाना जाता है, उसे भारत के आईआईटी से पढ़े जे बॉब बलराम ने डिजाइन किया था। इस सफल उड़ान को लेकर बॉब बलराम ने बताया कि उनका ये हेलिकॉप्टर अब पहले की तुलना में अधिक सौर ऊर्जा का उत्पादन कर रहा है।
आपको बॉब बालराम दक्षिण भारत से है। बचपन में ही उनकी रॉकेट और स्पेस साइंस में काफी दिलचस्पी थी। उनके चाचा ने भारत से अमेरिकी काउंसलेट को पत्र लिखकर नासा और स्पेस एक्सप्लोरेशन में करियर संबंधी जानकारी मांगी थी। बॉब बलराम ने कुछ साल पहले नासा के इनहाउस मैगजीन को दिए इंटरव्यू में बताया था कि रेडियो के जरिए चंद्रमा पर रॉकेट के पहुंचने की खबर सुनकर उनके मन में अंतरिक्ष में जाने की ख्वाहिश जागी थी। बलराम के नासा में करियर की शुरुआत रोबोट हथियार, शुरुआती मार्स रोवर्स, शुक्र ग्रह पर खोजबीन के लिए बनाई गई नेशनल बैलून मिशन के लिए टेक्नोलॉजी और मार्स साइंस लेबरोटरी में काम से की।
Another of my blog postings on Ingenuity Mars Helicopter as it gets ready to drop onto its airfield on Mars 😀 #MarsHelicopter @NasaPersevere https://t.co/HjjHCOH8pi
— Bob Balaram (@balaram) April 2, 2021
इसके बाद उन्हें पिछले साल मार्स 2020 मिशन में परसेवेरेंस रोवर वाली टीम में चुना गया। जिसके बाद उन्होंने अपनी टीम की मदद से धरती से लाखों किलोमीटर दूर लगभग सात गुना पतले वातावरण में मार्स हेलिकॉप्टर को सफलतापूर्वक उड़ाकर इतिहास रच दिया। नासा के मार्स मिशन में काम करने वाले बॉब बलराम भारतीय मूल के दूसरे इंजीनियर हैं। उनके अलावा भारतीय मूल की स्वाति मोहन मार्स मिशन को लीड कर रही है। बताया जा रहा है कि भारतीय मूल के एक दर्जन से अधिक इंजीनियर इस मिशन में शामिल हैं। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मिशन की सफल लैंडिंग के बाद स्वाति मोहन से बात की थी।