10 अगस्त 2018 को दुनिया बायो फ्यूल डे मना रही थी। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में गटर से गैस बनाने का उदाहरण दिया था। प्रधानमंत्री मोदी देश के लोगों और वैज्ञानिकों को क्लीन एनर्जी की ओर प्रेरित करना चाहते थे लेकिन कुछ प्रतिपक्षी निंदकों ने ‘गटर से गैस’ पर उनका खूब मजाक उड़ाया। मगर, प्रधानमंत्री मोदी का वो सपना अब साकार हो रहा है। उनका उदाहरण सही साबित हो रहा है।
दुनिया की पहली "प्लास्टिक सर्जरी" भगवान गणेश की हुई थी, यहाँ तक सही था जितनी शिक्षा उतनी बुद्धि ..
लेकिन "गटर से गैस" की खोज करने के लिए मोदी जी को एक
"नोबेल 🎖 पुरस्कार" तो बनता है. ☺️ 🙏🏻— Riya (@Riyaaspeaks) August 12, 2018
अमेरिकन केमिकल सोसाइटी जरनल ने गटर की गैस को ग्रीन गैस यानी हाईड्रोजन फ्यूल में तब्दील करने वाले शोध को प्रकाशित किया है। इस रिसर्च में कहा गया है कि गटर यानी सीवर गैस से बनने वील ग्रीन गैस यानी हाइड्रोजन फ्यूल परंपरागत तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले फ्यूल से काफी सस्ता होगा। ये रिसर्च अमेरिका की ओह्यो यूनिवर्सिटी के केमिकल और बायोमोलिक्यूलर इंजीनियरिंग विभाग ने किया है।
गटर गैस से ग्रीन फ्यूल बनाने वाली टीम के एक सदस्य लेंग क्विन ने कहा है कि आम तौर पर बेकार और नुकसानदायक समझे जाने वाली गटर गैस को आसानी से क्लीन फ्यूल बनाया जा सकता है। शोध के बाद निकलने वाली गैस से पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं होता है।
इस जहरीली गटर गैस को ग्रीन फ्यूल बनाने की योजना को लीड करने वाली वैज्ञानिक भारतीय मूल की कल्याणी जंगम ने कहा है कि सलजेन (SULGEN) प्रोसेस से गटर गैस को ग्रीन फ्यूल में बदला जा सकता है। यह प्रोसेस भी अन्य ग्रीन फ्यूल बनाने वाले प्रोसेस से काफी सस्ता है। गटर गैस को ग्रीन गैस में बदले जाने की परियोजना पर काफी तेजी से काम चल रहा है। लैबोरेटरी के स्तर पर सफलता मिलने के बाद अब इंडस्ट्रीयल लेवल पर परियोजना में काम किया जा रहा है। सब कुछ आपेक्षित नतीजों जैसा ही रहा तो बहुत जल्दी गटर गैस से ग्रीन फ्यूल आम लोगों के लिए मिलने लगेगा।
ओह्यो यूनिवर्सिटी की रिसर्चर कल्याणी जंगम और लैंग क्विन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस उदाहरण को सच साबित करके दिखा दिया है जिसमें उन्होंने गटर गैस के ईंधन को चूल्हे में जलाकर चाय बनाने का जिक्र किया था।
बायो फ्यूल के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए क्लिक करें यहां- https://www.dhs.wisconsin.gov/air/sewergas.htm
मोरल ऑफ स्टोरी यह कि गटर गैस से बनेगा क्लीन फ्यूल, जलेगा गरीबों के चूल्हे पर उबलेगी चाय तले जाएंगे पकोड़े भी और बगले झांकेंगे पीएम मोदी का मजाक उड़ाने वाले…!!
राहुल:- इधर से आलू डालूंगा उधर से सोना निकालूंगा
मोदी:- इधर से गटर की गैस डालूंगा उधर से चाय निकालूंगा #गंगाधर_ही_शक्तिमान_है 😂😂
— कुलदीप कादयान 🚜 (@KuldeepKadyan) August 12, 2018