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सूर्य में आयी बड़ी छेद से पृथ्वी पर भू-चुंबकीय तूफ़ान आने की आशंका, अमेरिका ने जारी किया अलर्ट

सूर्य से आवेशित कणों का निरंतर प्रवाह पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र, उपग्रहों, मोबाइल फ़ोन और जीपीएस को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है।

सूर्य से आवेशित कणों का निरंतर प्रवाह पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र, उपग्रहों, मोबाइल फ़ोन और जीपीएस को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है।

वाइस न्यूज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश की अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने सूर्य में एक “कोरोनल छेद” देखा है, जो पृथ्वी के आकार का 20 गुना बड़ा है।

यहह कोरोनल होल को नासा के सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी (एसडीओ) ने 23 मार्च को सूर्य के दक्षिणी ध्रुव के पास खोजा था। “कोरोनल होल” ऐसा दिखता है, जैसे कि सूर्य का एक स्पष्ट टुकड़ा ग़ायब हो गया हो।

News.com.au के मुताबिक़, यह गैपिंग होल 2.9 मिलियन किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से चलने वाली सौर हवाओं को छोड़ रहा है, जो आज ही पृथ्वी से टकराएगी।

सूर्य से आवेशित कणों का निरंतर प्रवाह पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र, उपग्रहों, मोबाइल फ़ोन और जीपीएस को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है।

ये छेद सौर हवा (या भू-चुंबकीय तूफ़ान) को अंतरिक्ष में अधिक आसानी से प्रवाहित होने देते हैं, जिन्हें G1 से G5 तक स्थान दिया गया है – बाद वाला सबसे शक्तिशाली है।

कहा गया है कि इन सौर हवाओं का हमारे ग्रह पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करने के लिए स्थिति पर नज़र रखी जा रही है।

नासा के अनुसार, कोरोनल छिद्र अत्यधिक पराबैंगनी (ईयूवी) और सॉफ़्ट एक्स-रे सौर छवियों में सौर कोरोना में अंधेरे क्षेत्रों के रूप में दिखाई देते हैं। वे इसलिए काले दिखायी देते हैं, क्योंकि वे आसपास के प्लाज़्मा की तुलना में ठंडे, कम घने क्षेत्र हैं और खुले, एकध्रुवीय मैग्नेटिक फ़ील्ड के क्षेत्र हैं।