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मंगल को क्यों कहते हैं लाल ग्रह? इसकी मिट्टी में दफन गहरे राज से शायद आप भी होंगे अनजान

मंगल क्यों है लाल ग्रह

आम तौर पर हम मंगल ग्रह (Mars planet) को लाल ग्रह कहते हैं, क्योंकि ये ग्रह देखने पर एक दम लाल नजर आता है, इसलिए इसे यह नाम दिया गया है। मगर क्या कभी ऐसा हुआ जब आपके मन में ये सवाल आया है कि आखिर इसका रंग लाल क्यों है? एक सरल उत्तर की बात करें तो मंगल की सतह पर पाए जाने वाले तत्व के कारण यह लाल है। इसकी सतह पर आयरन ऑक्साइड (Iron oxide) है। आयरन यानी लोहा जब ऑक्सीजन के अणुओं के साथ क्रिया करता है तो आयरन ऑक्साइड बनाता है। यह वही तत्व है जो लोहे पर जंग का कारण बनता है और उसके रंग को लाल कर देता है। लेकिन आखिर मंगल ग्रह पर इतना ज्यादा लोहा कहां से आया और आयरन ऑक्साइड कैसे बना आइये आपको बताते हैं इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें…

मंगल पर लोहा

वैज्ञानिकों के अनुसार तकरीबन 4.5 अरब साल पहले जब हमारे सौर मंडल का निर्माण हो रहा था तब यह धूल और गैस से भरा हुआ था और यहां इससे भारी तत्व भी मौजूद थे। गुरुत्वाकर्षण के कारण सूर्य और ग्रह बने। पृथ्वी जब एकदम नई थी तब ज्यादातर लोहे को अपनी ओर खींचा और वह उसके कोर में समा गए। मंगल (Mars planet) के मामले में नासा के वैज्ञानिक मानते हैं कि इसके कोर में भी लोहा है, लेकिन हल्के गुरुत्वाकर्षण के कारण कुछ हिस्सा इसके ऊपरी सतह में भी रह गया। मगर लोहा होने से मंगल लाल नहीं हो जाएगा। यह तभी लाल होगा, जब यह ऑक्सीजन के साथ क्रिया करे और आयरन ऑक्साइड बनाए। आयरन ऑक्साइड में पांच अणु होते हैं, जिसमें दो लोहे के और तीन ऑक्सीजन के होते हैं।

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मंगल ग्रह पर आयरन ऑक्साइड

मंगल पर आयरन ऑक्साइड कैसे बना इसे लेकर कोई सही जानकारी नहीं है। लेकिन वैज्ञानिकों के पास इससे जुड़ी थ्योरी हैं। Space.com के मुताबिक पहली थ्योरी कहती है कि मंगल ग्रह पर प्राचीन समय में पानी था। यहां नदियां बहती थीं और बारिश भी होती थी। मंगल पर बारिश के पानी के ऑक्सीजन ने लोहे के अणुओं से रिएक्शन किया और आयरन ऑक्साइड बनाया।

दूसरी थ्योरी क्या?

दूसरी थ्योरी कहती है कि मंगल के वायुमंडल में मौजूद कार्बनडाईऑक्साइड अरबों साल की प्रक्रिया में सूर्य की किरणों से ऑक्सीजन के अणुओं में टूट गए। बाद में इस ऑक्सीजन से आयरन ऑक्साइड बना। 2009 में डैनिश वैज्ञानिकों के एक ग्रुप ने बताया कि मंगल पर धूल भरे तूफान ने क्वार्ट्ज क्रिस्टल को तोड़ कर धीरे-धीरे लोहे पर जंग लगा दिया। क्योंकि कोई भी इसे पीछे का सही वजह नहीं जनता इसलिए मंगल का रंग लाल होना आज भी रहस्य है।