उइगर समुदाय (Uyghur Muslims) पर चीन की तानाशाही दुनिया देख रही है। उइगरों का दमन किया जा रहा है। शिंजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों पर चीन का अत्याचार सारी हदें पार कर चुका है। एक तरफ चीन की क्रूरता है तो एक तरफ ये देश 2022 बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक(Beijing Winter Olympics)की तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है। लेकिन इस आयोजन के विरोध में आवाजें भी उठ रही हैं। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने विंटर ओलंपिक का बहिष्कार करने की अपील की है।
वर्ल्ड उइगर कांग्रेस (World Uyghur Congress) ने अतंरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी (IOC)से कहा है कि चीन से बीजिंग विंटर ओलंपिक की मेजबानी वापस लेनी चाहिए। संगठन के मुताबिक, उइगरों पर चीन के अत्याचार के पर्याप्त सबूत हैं। ऐसे में आईओसी की इथिक्स कमेटी को इसे संज्ञान में लेना चाहिए।
चीन 4 फरवरी, 2022 से बीजिंग में अगले शीतकालीन ओलंपिक की मेजबानी करने के लिए तैयार है, लेकिन खेलों के लिए चीन की योजना खतरे में पड़ती दिख रही है क्योंकि 180 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार समूह ने आगामी कार्यक्रम का बहिष्कार करने का आह्वान किया है। पूर्वी तुर्किस्तान, तिब्बत, हांगकांग, मकाओ और इनर मंगोलिया के कब्जे वाले क्षेत्रों में जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ मानवाधिकारों के हनन के बीजिंग के बढ़ते सबूतों के मद्देनजर ऐसा किया गया है।