आज के समय सबसे लोकप्रिय खेल क्रिकेट है। ज्यादातर युवा क्रिकेट में अपना करियर बनाना चाहता है। अच्छा प्रदर्शन भारत की टीम में जगह दिला देता है, उसे बाद मानो लाइफ सेट हो। लेकिन कई खिलाड़ी ऐसे है जो क्रिकेट में अच्छा-खासा नाम कमाने के बाद भी पैसों के लिए तरस रहे है। इनमें से एक नाम है 'रे प्राइस'… रे प्राइस जिम्बाब्वे की टीम में शामिल थे। रे प्राइस का जन्म 12 जून 1976 को जिम्बाब्वे की राजधानी हरारे में हुआ था। वे स्पिन गेंदबाज के रूप में अपनी टीम में खेला करते थे।
आक्रामक अंदाज में बॉलिंग करने के चलते रे प्राइम जाने जाते थे। उन्होंने जिम्बाब्वे के लिए 22 टेस्ट खेले और 80 विकेट चटकाए। वहीं 102 वनडे में उनके नाम 100 विकेट है। रे प्राइस ने 16 टी20 मुकाबले भी खेले. इनमें उन्होंने 13 विकेट लिए। रे प्राइस जिम्बाब्वे के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से हैं जो आईपीएल में खेले है। वे 2011 में मुंबई इंडियंस के साथ थे। हालांकि उन्हें नीलामी में किसी ने नहीं लिया था, लेकिन मोइसेस हेनरिकेज के चोटिल होकर टूर्नामेंट से हटने पर रे प्राइस को उनकी जगह चुना गया।
रे प्राइस ने एक बार एक टेस्ट मैच की दोनों पारियों में सचिन तेंदुलकर का विकेट लिया था। 2007 में टीम में वापसी के बाद उनका खेल नई ऊंचाइयों पर गया था। तब वे एक बार आईसीसी वनडे रैंकिंग में गेंदबाजों में तीसरे नंबर तक पहुंच गए थे। उस समय उन्होंने 27 मैचों में ही 45 विकेट लिए थे। उन्होंने साल 2013 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। इसके बाद उन्होंने हरारे में अपनी क्रिकेट सामान की दुकान कर ली। प्राइस स्पोर्ट्स नाम की ये दुकान हरारे स्पोर्ट्स क्लब के पास ही है।
इसके अलावा रे प्राइस एसी रिपेयरिंग का काम भी जानते है। जब वे शौकिया तौर पर क्रिकेट खेला करते थे तब उन्होंने यह काम सीखा था। क्रिकेट छोड़ने के बाद फिर से उन्होंने इस काम को अपनाया। अब वे घर-घर जाकर एसी रिपेयर की सर्विस देते है। लेकिन आर्थिक हालत जस की तस बनी हुई है।