भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की देखरेख में कई खिलाड़ी वर्ल्ड क्रिकेट पर छाए हुए हैं। अब एक ऐसा ही खिलाड़ी है जिसने श्रीलंका में जाकर तबाही मचा दी। इस होनहार खिलाड़ी का नाम है दीपक चहर। दीपक चहर ने श्रीलंका दौरे पर जिस तरह से बॉलिंग के साथ ही बैटिंग में कमाल किया उससे उनकी काफी तारीफ हुई। अब वो टी20 में भारत के प्रमुख गेंदबाज बन गए हैं। दीपक चहर आने वाले दिनों में भारत के स्टार खिलाड़ी बन सकते हैं। हालांकि उन्हें बनाने में धोनी का बड़ा योगदान है।
पिता से कोचिंग लेकर इंटरनेशनल क्रिकेट में जादू बिखेरने वाले दीपक चाहर का आज बर्थडे है। ऐसे में जानते हैं उनके रिकॉर्ड और संघर्ष की कहानी। दीपक चाहर ने 18 साल की उम्र में राजस्थान के लिए रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया था। पहले ही मैच में उन्होंने हैदराबाद के खिलाफ मैच में 10 रन देकर आठ विकेट लिए थे और तहलका मचा दिया था। इस गेंदबाजी के चलते हैदराबाद की टीम केवल 21 रन पर सिमट गई थी जो रणजी ट्रॉफी इतिहास का सबसे छोटा स्कोर है।
जब चहर अपने पीक पर थे तो उन्हें चोट लग गई। चोटिल रहने और फिटनेस नहीं होने की वजह से राजस्थान क्रिकेट के डायरेक्टर के रूप में ग्रेग चैपल ने एक बार दीपक को चुनने से इनकार कर दिया था। फिर दीपक चहर की किस्मत पलटी और आईपीएल 2018 में धोनी की टीम चेंन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा बन गए। धोनी ने दीपक को आईपीएल 2016 और 2017 के दौरान राइजिंग पुणे सुपरजाएंट में देखा था। तब वे इस गेंदबाज से प्रभावित हुए थे। इसलिए आईपीएल 2018 की नीलामी से पहले उन्होंने दीपक से कह दिया था कि वे चेन्नई के लिए खेलेंगे। धोनी का भरोसा 2019 में और सही साबित हुआ। इस दौरान दीपक चाहर ने 22 विकेट लिए और वे टूर्नामेंट के सबसे कामयाब गेंदबाजों में से एक रहे।
दीपक चाहर ने साल 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ टी20 मुकाबले में अपनी गेंदबाजी का जादू बिखेरा। उन्होंने केवल सात रन देकर छह बल्लेबाजों को आउट किया। यह टी20 क्रिकेट में सबसे अच्छा प्रदर्शन है। इस दौरान दीपक ने हैट्रिक भी ली और टी20 में ऐसा करने वाले पहले भारतीय तेज गेंदबाज बने।
दीपक चहर के लिए यहां तक आना आसान नहीं था। इसमें उनके पिता का काफी हाथ है। दीपक चाहर के क्रिकेटर बनने का सपना उनके पिता लोकेंद्र सिंह ने पूरा किया वे एयरफॉर्स में थे और खुद भी क्रिकेटर बनना चाहते थे। लेकिन बन नहीं पाए। ऐसे में जब बेटे का मन देखा तो अपना सपना भी पूरा करने की ठानी। चहर को क्रिकेटर बनाने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी और दीपक को ट्रेनिंग देने लगे। उनकी मेहनत रंग लाई और आज चहर इंडियन टीम का हिस्सा हैं।