यूरो कप में स्विट्जरलैंड ने बड़ा फेरबदल कर दिया है। स्विट्जरलैंड ने नॉकआउट में विश्व विजेता फ्रांस को हरा दिया है। इस हार के साथ ही फ्रांस टूर्नामेंट से बाहर हो गया है। दोनों टीमें जीत को लेकर इतनी तुली थी, कि हार मानने को तैयार नहीं थी। असर ये हुआ कि खेल पेनाल्टी शूट आउट तक पहुंचा, जहां फ्रांस ने 4 गोल दागे। पर स्विटजरलैंड ने 5 में से 5 निशाने साधकर मुकाबला अपने नाम कर लिया। हासिल कर ली वो बड़ी जीत जो यूरो कप के इतिहास में इससे पहले उन्होंने कभी नहीं की थी। ये यूरोपियन चैंपियनशिप की बिसात पर स्विस फुटबॉल टीम की पहली नॉकआउट जीत है।
मैच का पहला गोल खेल के15वें मिनट में ही स्विट्जरलैंड की ओर से हुआ। और, स्विस टीम के इस एक गोल की बढ़त के साथ ही पहला हाफ खत्म हुआ। लेकिन दूसरा हाफ गोलों से भरा रहा। दूसरे हाफ में कुल 5 गोल दागे गए। 3 फ्रांस ने दागे तो बाकी 2 गोल स्विट्जरलैंड ने किए।
दूसरे हाफ में 5 गोल, मुकाबला 3-3 से ड्रॉ
फ्रांस के लिए करीम बेंजमा ने 2 मिनट में 2 गोल किए। उन्होंने ये दोनों गोल 57वें और 59वें मिनट में दागा। अब फ्रांस 2-1 से मैच में आगे था। इसके बाद 75वें मिनट में पोग्बा ने तीसरा गोल भी कर दिया और फ्रांस 3-1 से आगे हो गई। गोलों का ये फासला फ्रांस की जीत की कहानी कह रहा था। लेकिन, स्विट्जरलैंड ने कहा अभी तो पार्टी शुरू हुई है। 81वें मिनट में सेफेरोविच ने मैच में अपना दूसरा गोल करते हुए फ्रांस की बढ़त को कम किया। इसके बाद खेल के आखिरी मिनट में गवरानोविच ने स्विट्जरलैंड के लिए तीसरा गोल किया और मुकाबला बराबरी पर आ खड़ा हुआ।
अब आया एक्स्ट्रा टाइम का समय, जो गोलरहित बीता। ऐसे में खेल पेनाल्टी शूट आउट में पहुंचा, जिसमें स्विट्जरलैंड ने 5-4 से बाजी अपने नाम कर ली और वर्ल्ड चैंपियन टीम की घर वापसी का टिकट कटा दिया। 1954 के वर्ल्ड कप के बाद यानी 67 साल बाद ये पहली बार होगा जब स्विट्जरलैंड की टीम क्वार्टर फाइनल मुकाबला खेलेगी। वहीं 1938 के बाद ये पहली बार है जब उसने किसी टूर्नामेंट का नॉकआउट मैच जीता है।