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Hardik Pandya में दिखी धोनी की झलक, मेंटॉर की राह पर चल पड़े ऑलराउंडर

MS Dhoni and Hardik Pandya

MS Dhoni and Hardik Pandya:  बीते रविवार एशिया कप 2022 (Asia Cup 2022) के भारत-पाक के बीच खेले गए पहले मुकाबले में टीम इंडिया (Team India) ने पाकिस्तान को धूल चटाई। भारत ने इस मैच को शानदार तरीके से अपने नाम कर लिया था। लेकिन इस महामुकाबले में भारत के लिए हार्दिक पंड्या ने दमदार खेल दिखाया और टीम इंडिया को जीत दिलाई थी। इस दौरान ऑलराउंडर ने गेंद और बल्ले से दोनों से कमाल किया था। उन्होंने पहले गेंदबाजी करते हुए पाकिस्तान (Pakistan) के तीन बल्लेबाजों को आउट किया था और फिर अपने बल्ले का जौहर दिखाते हुए आखिरी ओवर की चौथी गेंद पर छक्का मार टीम को जीत दिलाई थी।

खैर, वो भी एक दौर था और यह भी एक दौर है। अब आप सोच रहे होंगे भला हम ऐसा क्यों कह रहे हैं तो आपको याद दिला दें, चार साल पहले यही मैदान था। यही पाकिस्तानी टीम थी और तो और टूर्नामेंट भी यही था। तब हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) अपनी पीठ चोटिल कर बैठे थे। लंबे वक्त तक टीम से बाहर रहे। करियर खत्म माना जा रहा था। बावजूद इसके पांड्या ने हार नहीं मानी और वक्त का पहिया एक बार फिर घूमा और फिर आईपीएल में वापसी करते हुए उसी पीट के दम पर पाकिस्तानियों की नाम में नकेल डाल दी।

हार्दिक पांड्या ने मचाया धमाल

पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप के पहले मैच में हार्दिक पांड्या ने 4 ओवर में 25 रन देकर 3 विकेट निकाले। खास बात, पाकिस्तान को ये झटके शॉर्ट बॉल में दिए। रिजवान को अपनी उसी पीठ की ताकत से पवेलियन भेजा, जो कुछ वक्त पहले तक सवालों के घेर में थी। दरअसल, पाकिस्तानी विकेटकीपर रिजवान स्क्वेयर के सामने रन नहीं बना पा रहे थे। इसे बखूबी समझते हुए हार्दिक ने उन्हें एक बॉडी लाइन बॉल फेंकी।

हार्दिक बने चमकता सितारा

वैसे यह वापसी हार्दिक के लिए इतनी भी आसान नहीं थी, जिसके लिए उन्हें दोहरी लड़ाई लड़नी थी। एक तरह पीठ की चोट थी तो दूसरी ओर चुभते सवाल थे। क्या हार्दिक कभी फुल टिल्ट गेंदबाजी कर पाएंगे? अगर ऐसा नहीं कर सकते तो क्या वह सिर्फ बतौर बल्लेबाज टीम में अपनी जगह बना सकते हैं? क्या यह टीम बैलेंस के हिसाल से सही होगा? इस साल फरवरी की शुरुआत तक तो उनकी चोट एक मिस्ट्री बनी हुई थी। खासतौर पर बॉलिंग।

जाहिर है, उन्होंने इसके बारे में सार्वजनिक रूप से बात नहीं की थी। नई आईपीएल प्रैंचाइजी गुजरात टाइटंस ने जब उन्हें कप्तान बनाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया तब भी उन्होंने अपनी बॉलिंग पर कोई जवाब नहीं दिया था। पिछले साल टी-20 विश्व कप के बाद से हार्दिक स्पेशलिस्ट बल्लेबाज के रूप में खेलने लगे थे। यही वो वक्त था, जहां उन्होंने खुद पर काम करना शुरू कर दिया था। सिर्फ सोते और ट्रेनिंग करते। खुद के लिए रोबोट जैसा शेड्यूल तैयार कर लिया था।

अपनी परफॉरमेंस को लेकर क्या बोले पांड्या?

हार्दिक पांड्या ने कहा हार्ड लेंथ मेरी स्ट्रेंथ है, लेकिन मैं उसे बहुत ही दिमाग से इस्तेमाल करता हूं। बैटिंग में मैं हमेशा शांत और स्पष्ट रहने की कोशिश करता हूं। मैं बल्लेबाजी करते वक्त ज्यादा नहीं सोचता। क्लीयर रहने की कोशिश करता हूं। मुझे पता होता है कि बॉलिंग के टाइम गेंदबाज ही अधिक दबाव में होता है। जाहिर है, यह सिर्फ सात रन था, अगर 15 रन की भी जरूरत होती तो मैं बना लेता।

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धोनी की झलक क्यों दिखती है?

एमएस धोनी (Ms Dhoni) हमेशा एक प्लानिंग से खेलते थे और माहि खेल को गहराई में ले जाना पसंद करते थे। वह जानते थे कि गेम जितना गहरा जाएगा गेंदबाज उतने ही दबाव में आएगा। फिर केवल एक गलती ही पलटवार करने के लिए काफी होती है। ऐसे में तो बस फिर क्या था हार्दिक पांड्या भी निकल पड़े अपने मेंटॉर धोनी की राह पर और उन्होंने भी वही किया। जब तीन गेंद में 6 रन चाहिए थे तो लॉन्ग-ऑन पर एक फ्लैट छक्का मारकर जीत दिला दी। फिर न कोई गुस्सा, न आक्रोश और न कोई उत्साह भरा जश्न। इसी के साथ टी-20 में छक्के से जीत दिलाने के मामले में हार्दिक पंड्ये ने अपने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की बराबरी भी कर डाली।