भारत और इंग्लैंड के बीच चेन्नई में खेला जा रहा पहला टेस्ट मैच रोमांचक मोड़ पर है। मैच के चौथे दिन इंग्लैंड ने भारत के सामने 420 रनों का विशाल लक्ष्य रखा। इसके जवाब में भारत ने एक विकेट खोकर 39 रन बना लिए हैं। किसी टेस्ट मैच के आखिरी दिन इतने रन बनाने आसान नहीं होते लेकिन टीम इंडिया ने हालिया वक्त में जिस तरह का क्रिकेट खेला, उसे देखकर कुछ भी कहना मुश्किल है।
चेन्नई टेस्ट की बात करें तो इंग्लैंड ने पहली पारी में कप्तान जो रूट (218) के शानदार दोहरे शतक की बदौलत 578 रन का विशाल स्कोर बना डाला। भारतीय टीम अपनी पहली पारी में 337 रन ही बना सकी। युवा विकेटकीपर ऋषभ पंत ने ताबड़तोड़ 91, वॉशिंगटन सुंदर ने 85 और चेतेश्वर पुजारा ने 73 रनों की पारी खेली। इंग्लैंड की ओर से स्पिनर डॉमिनिक बेस ने चार विकेट झटके। ब्रिसबेन में भारत ने चौथे टेस्ट मैच में जिस तरह मजबूत ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण के सामने आखिरी दिन 300 से ज्यादा रन बनाए, कहीं न कहीं उसकी छाप पर भी कप्तान रूट के जेहन पर होगी।
टीम इंडिया के लिए फिलहाल शुभमन गिल और चेतेश्वर पुजारा क्रीज पर जमे हैं। उनके सामने आखिरी दिन पहले सेशन में लंबी बल्लेबाजी करने का लक्ष्य होगा। अगर ऐसा होता है, तो भारत ब्रिस्बेन टेस्ट की तरह जीत की ओर बढ़ सकता है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन टेस्ट के आखिरी दिन गिल और पुजारा ने पहला विकेट गिरने के बावजूद मजबूत साझेदारी कर टीम की उम्मीदें जिंदा रखीं। फिर ऋषभ पंत ने आखिर में जबरदस्त पारी खेलकर मैच जीत लिया।
सिडनी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी टेस्ट को याद करना चाहिए। भारत के हाथ से जहां मैच फिसल रहा था। टीम के सामने 407 रन का बड़ा लक्ष्य था। तीसरे विकेट के रूप में जब अजिंक्य रहाणे पविलियन लौटे तो स्कोर 102 रन था। यहां से पुजारा ने छोर संभाला और ऋषभ पंत ने काउंटर अटैक खोलते हुए 118 गेंद पर 97 रन बना दिए।