महेंद्र सिंह धोनी को देखकर कई युवा सितारे क्रिकेट का बल्ला लिए मैदन पर उतर चुके हैं, माही न जाने कितने युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बने। उन्हीं को देखते हुए झारखंड का एक और लाल सुमित कुमार क्रिकेट में अपनी धाग जमा रहा है। सुमित बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज झारखंड की टीम का 2017 में हिस्सा बन चुके हैं। वो धोनी के साथ झारखंड के ड्रेसिंग रूम का हिस्सा रहे हैं। सुमित धोनी को अपना मेंटॉर मानेते हैं। यहां तक खुद धोनी भी उन्हें अपना छोटे भाई की तरह मानते हैं।
जब पिता ने हाथ में बल्ला थमाते हुए कहा- माही की तरह खेलना है
सुमित कुमार के क्रिकेट खेलने के पीछे वजह एमएस धोनी हैं। 10 साल की उम्र में ही बल्ला थाम लिया था, जब झारखंड के गलियों में उन्हें खेलते हुए लोगों ने देखा तो उनके पिता को उनकी काबिलियत के बारे में बताया। पिता मैकेनिक थे लेकिन बेटे के सपने के लिए उन्होंने आने वाली चुनौतियों के नजरअंदाज करते हुए बिना कुछ सोचे समझे ही बेटे के हाथ में बल्ला थमाकर क्रिकेट एकेडमी में एडमिशन करता हुए कहा कि 'माही की तरह खेलना है'। ऐसा भी हो सकता है कि जो लड़का आज झारखंड के लिए खेल रहा है वो आने वाले समय में टीम इंडिया के लिए भी खेल सकता है।
क्रिकेट के पीछे सुमित कुमार के संघर्ष की कहानी
क्रिकेट में खिलाड़ी कितना संघर्ष करके आते हैं ये तो सब जानने हैं, खुद माही भी रेलवे में नौकरी करने के बाद भी अपने सपने को नहीं छोड़ा और लगातार प्रैक्टिस करते रहे हैं। अब जब सुमित कुमार ने क्रिकेट चुन लिया तो फिर संघर्ष से कैसे भाग सकते हैं। सुमित को झारखंड की टीम तक पहुंचने में काफी लंबा चौड़ा संघर्ष करना पड़ा। इसमें क्रिकेट एकेडमी तक पहुंचने के लिए हर रोज का 7 से 8 किलोमीटर तक का सफर शामिल रहा है, जिसे वो कभी बस से तो कभी पैसों की तंगी को लेकर पैदल ही नाप दिया करते थे। मेहनत रंग लाई और जब झारखंड के लिए खेलना शुरू किया तो वो एमएस धोनी के करीब आए। सुमित बताते हैं कि कैसे धोनी के बताए फंडों ने उनकी बल्लेबाजी, उनकी विकेटकीपिंग को पूरी तरह बदलकर रख दिया है।
धोनी रहे हर समस्या का समाधान
एक चैनल को दिए गए इंटरव्यू में सुमित ने पिछले सीजन के ही रणजी ट्रॉफी मैच का एक वाकया सुनाया। उन्होंने कहा कि माही भइया तब प्रैक्टिस सेशन में हमारे साथ थे। मुझे कोई भी दिक्तत होती, मैं सीधा उनके पास चला जाता, उस दौरान मैंने उनसे मैच के दौरान हालात को काबू में करने को लेकर सवाल किया था। इस पर उन्होंने कहा कि कुछ नहीं बस गाना गाओ और बॉल देखो। उन्होंने बताया कि तुम्हें गेंदबाज को रीड करना होगा। वो कौन सी गेंद डालने वाला है, उसे भांपना होगा। और, यकीन मानिए, अगले मैच में उनका बताया ये नुस्खा मेरे लिए काम कर गया।
सुमित का झारखंड के लिए प्रदर्शन
सुमित झारखंड के लिए अब तक 20 फर्स्ट क्लास, 20 लिस्ट ए और 16 T20 मुकाबले खेल चुके हैं। फर्स्ट क्लास में वो 584 रन और लिस्ट ए में 372 रन बना चुके हैं। जब से झारखंड टीम के कप्तान इशान किशन का टीम इंडिया से बुलावा आया है, वो स्टेट टीम के फर्स्ट चॉइस विकेटकीपर भी बन चुके हैं।