भारतीय कप्तान विराट कोहली मैदान में आक्रमक रहते हैं। इसका फायदा टीम को मिलता है। कोहली भारत के सफल कप्तानों में एक हैं, उनकी कप्तानी में भारत ने टेस्ट में 37 जीत दर्ज की है। इंग्लैंड में हो रहे टेस्ट सीरीज में भारत ने दूसरे टेस्ट में ऐतिहासिक जीत दर्ज की। लॉर्ड्स में भारत ने इंग्लैंड को धूल चटाया। इस मैच में विराट कोहली के तेवर देखने लायक थे। विराट लगातार इंग्लैंड के खिलाड़ियों को ललकार रहे थे। जिसकी मैच के बाद कुछ इंग्लैंड के खिलाडियों ने आलोचना भी की।
इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर केविन पीटरसन की राय अलग है। उनका मानना है कि विराट कोहली का जोश और उत्साह बताता है कि टेस्ट क्रिकेट उनके लिये सबकुछ है, जो इस फॉर्मेट के लिए अच्छा है। पूर्व इंग्लिश कप्तान पीटरसन ने कहा कि विराट खुद, सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गजों के नक्शेकदम पर चल पड़े हैं जो महान टेस्ट क्रिकेटर रहे हैं और टेस्ट क्रिकेट के जरिए वह ऊंचा मुकाम हासिल करना चाहते हैं। उन्होंने ‘बेटवे’ के लिये अपने ब्लॉग में लिखा, कि विराट कोहली को जितना मैं जानता हूं, मुझे पता है कि अपने नायकों का अनुसरण करने के लिये उन्होंने कितनी मेहनत की है। उनके नायक सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और टेस्ट क्रिकेट के बाकी दिग्गज हैं। कोहली को पता है कि खेल का लेजेंड बनने के लिये उन्हें टी20 के साथ टेस्ट क्रिकेट में भी अच्छा प्रदर्शन करना होगा। यही वजह है कि वह इस प्रारूप को इतनी अहमियत देते हैं।
पीटरसन ने आगे कहा कि विराट कोहली का टेस्ट के लिए जुनून इस फॉर्मेट के लिए अच्छा है। कोहली जैसे खिलाड़ी अगर टेस्ट क्रिकेट को अहमियत देते हैं तो इससे टेस्ट क्रिकेट का भला होगा। दिग्गज बल्लेबाज ने लिखा कि वह भी ऐसे समय में जब टेस्ट क्रिकेट को इसकी सख्त जरूरत है, एक वैश्विक सुपरस्टार क्रिकेटर का टेस्ट क्रिकेट के लिये यह जुनून देखकर अच्छा लगता है। वह चाहते हैं कि उनकी टीम हर हालात में अच्छा प्रदर्शन करे। पहले ऑस्ट्रेलिया में और अब इंग्लैंड में टीम को जीतते देखकर उन्हें अपार संतोष हुआ होगा। उनका जोश, उनका जुनून और टीम के प्रति समर्पण दिखाई देता है।