टेस्टिंग बढ़ने के साथ ही भारत में कोरोना से प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी होने लगी है। इसी के मद्देनज़र भारतीय खेल प्राधिकरण ने महिला कुश्ती कैंप स्थगित कर दिया था।
अब सोनीपत के भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) सेंटर में तीन पुरुष कुश्ती खिलाड़ियों का कोविड-19 पॉजिटिव आया है, जिसके चलते कैंप स्थगित होने की संभावना दिख रही है।
सोनीपत में क्वारंटीन में रह रहे कुछ पहलवानों ने इस पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि जल्दबाजी में कैम्प शुरू करना घातक हो सकता है।
एक सीनियर पहलवान ने नाम न बताने की शर्त पर आईएएनएस से कहा कि महासंघ को साई से बात करना चाहिए और कैम्प को तुरंत स्थगित कर देना चाहिए।
पहलवान ने कहा, " उन्होंने हमें खतरे में डाल दिया। हर किसी को शिविर शुरू करने की इतनी जल्दी क्या है? इतनी जल्दी क्या है? इस साल हम कौन सा टूर्नामेंट खेल रहे हैं? यह (राष्ट्रीय शिविर) बैकफुट पर जा रहा है। बेहतर होगा कि इसे तुरंत स्थगित करें।"
एक अन्य पहलवान ने कहा कि सोनीपत में मौजूद एथलीट कैम्प छोड़ने का बहाना बना रहे हैं।
उन्होंने कहा, " पहलवानों ने कैम्प छोड़ने के लिए व्यक्तिगत कारण बताने शुरू कर दिए हैं। कुछ ने कहा कि उनकी मां की तबीयत ठीक नहीं है और कुछ ने अन्य कारण बताए हैं। कोई भी व्यक्ति जीवन में कोई खतरा नहीं लेना चाहता है।"
गौरतलब है कि तीन पुरुष कुश्ती खिलाड़ी दीपक पुनिया (86 किलोग्राम), नवीन (65 किलोग्राम) और कृष्णा (125 किलोग्राम) सोनीपत के साई सेंटर में कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं।
इसके बाद 15 सितंबर से शुरू होने वाले राष्ट्रीय शिविर पर सवाल खड़े हो गए हैं।
यह सभी खिलाड़ी 14 दिनों के क्वारंटीन पीरियड में थे और साई के प्रोटोकॉल्स के मुताबिक इनका अनिवार्य कोविड टेस्ट कराया गया था।
लेकिन डब्ल्यूएफआई ने कहा है कि इसका राष्ट्रीय शिविर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता दीपक ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि उनका गुरुवार को दूसरा टेस्ट हुआ है।
उन्होंने कहा, " मैंने कल शाम को फिर से टेस्ट दी। आज तक, मेरे पास कोई लक्षण नहीं हैं। मैं पूरी तरह से ठीक हूं। मैं उन सभी लोगों से अनुरोध करूंगा, जो पिछले हफ्ते या तो मेरे संपर्क में आए थे, ताकि वे खुद की जांच कराएं या अलग हो जाएं।"
पिछले महीने, महिला टीम का राष्ट्रीय शिविर कई खिलाड़ियों के नाम वापस लेने के बाद स्थगित कर दिया गया था।
कई महिला खिलाड़ियों ने डब्ल्यूएफआई को लिखा था कि वह शिविर में हिस्सा नहीं ले सकती और इसके पीछे की वजह उन्होंने कोविड-19 ही बताई थी। वीनेश फोगाट ऐसा करने वाली पहली महिला खिलाड़ी थीं।.