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2016 डोपिंग केस: नरसिंह को लगता है कि उसके साथ गड़बड़ हुई थी

2016 डोपिंग केस: नरसिंह को लगता है कि उसके साथ गड़बड़ हुई थी

पहलवान नरसिंह यादव को 2016 में डोप के कारण चार साल के लिए बैन कर दिया गया था। उनको अभी भी लगता है कि साई के सोनीपत सेंटर में उनके खाने और पानी में मिलावट की गई थी। उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) को भी दोषियों को देर से पकड़ने को लेकर सवालों घेरे में खड़ा किया है।

सूत्रों ने हालांकि आईएएनएस को बताया है कि सीबीआई ने पिछले साल कोर्ट में इस मामले मे क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है क्योंकि उसे कुछ भी गड़बड़ नहीं मिला था।

<blockquote>सूत्र ने कहा, "नरसिंह के वकीलों ने क्लोजर रिपोर्ट के बाद प्रोटेस्ट याचिका डाली है, लेकिन अभी तक हमें कोर्ट से किसी तरह की जानकारी नहीं मिली है। न ही उसमें कुछ गड़बड़ थी और न ही यह किसी को बर्बाद करने का मामला था।"</blockquote>

वहीं, नरसिंह का कहना है कि जांच एजेंसिया अभी भी इस मामले की जांच कर रही हैं।

उन्होंने कहा, "मुझे पूरा भरोसा है कि मैं निर्दोष साबित होऊंगा। मुझे पता चला था कि सीबीआई ने मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है, लेकिन मैंने अधिकारियों से बात की थी तो उन्होंने कहा कि केस अभी जारी है। सीबीआई अभी भी जांच कर रही है। मुझे नहीं पता कि इतनी बड़ी जांच एजेंसी को इस छोटे से मामले में इतना समय क्यों लग रहा है। मैं न्याय का इंतजार करूंगा।"

31 साल का यह कुश्ती खिलाड़ी साई के सोनीपत केंद्र में लगाए जाने वाले राष्ट्रीय शिविर में हिस्सा लेने सोनीपत पहुंच गया है। यह वही जगह है कि जहां उनकी जिंदगी ने एक अलग राह की तरफ करवट ली थी। वह इस समय 14 दिन के क्वारंटीन में हैं। राष्ट्रीय शिविर की शुरुआत 15 सितंबर से हो रही है।

<blockquote>नरसिंह ने कहा, "मैं वहां लौट कर आया हूं जहां से यह सब शुरू हुआ था। उस दिन से मेरी जिंदगी बदली थी। इन चार साल में मैंने काफी आलोचना झेली है, लेकिन मेरे परिवार और दोस्तों का शुक्रिया जो मेरे साथ रहे। किसी भी खिलाड़ी के लिए चार साल का बैन बहुत बड़ी बात है, वो भी तब जब आप निर्दोष हो। मैं अब ज्यादा सावधान हूं। मैं अपने कमरे में साई द्वारा दिए खाने को ही खा रहा हूं। मैं अब किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहता।"</blockquote>

टोक्यो ओलम्पिक के स्थगित होने से नरसिंह को खेलों के महाकुंभ में खेलने और पदक जीतने के सपने को जीने का मौका मिला है। उनका बैन जुलाई में खत्म हो गया है और अब उनका ध्यान अगले साल होने वाले ओलम्पिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने पर है।

नरसिंह ने कहा, "भगवान की कृपा से, मुझे एक और मौका मिला है और मैं इसे अब जाने नहीं दूंगा।"

यादव ने विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीत रियो ओलम्पिक-2016 के लिए क्वालीफाई कर लिया था, लेकिन चोट के कारण सुशील क्वालीफिकेशन में नहीं खेल पाए थे और इसलिए उन्होंने नरसिंह के साथ ट्रायल की मांग की थी।

सुशील की अपील को खारिज कर दिया गया था तो यह साफ हो गया था कि नरसिंह ही रियो जाएंगे, लेकिन वह दो एंटी डोपिंग टेस्ट में फेल हो गए जिसके कारण उनका ओलम्पिक में खेलने का सपना बर्बाद हो गया। इसके बाद उन्हें राष्ट्रीय डोपिंग एजेंसी (नाडा) से क्लीन चीट मिल गई थी।

विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने हालांकि बाद में फैसले को बदल दिया और मामले खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) में गया। ओलम्पिक में 18 अगस्त 2016 को होने वाले नरसिंह के पहले मुकाबले से एक दिन पहले ही सीएएस ने उन पर चार साल का बैन लगा दिया।

उनसे जब पूछा गया कि क्या वह अभी भी सुशील से मतभेद पाले हुए हैं तो उन्होंने कहा कि वह अब आगे बढ़ना चाहते हैं।

<blockquote>उन्होंने कहा, "अतीत इतिहास है। मैं अब उस चीज में पड़ना नहीं चाहता। मैं बस हालांकि इतना चाहता हूं कि जो कुछ मेरे साथ हुआ वो किसी और अन्य खिलाड़ी के साथ न हो।"</blockquote>

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