पूर्व तेज गेंदबाज आर विनय कुमार ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया है। कर्नाटक के लिए खेलने वाले विनय कुमार ने शुक्रवार 26 फरवरी को ट्वीट कर अपने संन्यास का ऐलान किया। भारत के लिए 41 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले विनय कुमार के खाते में 49 विकेट आए। विनय कुमार का अंतरराष्ट्रीय करियर भले ही ज्यादा लंबा नहीं रहा, लेकिन घरेलू क्रिकेट में उनका नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है।
विनय कुमार की कप्तानी में कर्नाटक ने रणजी ट्रॉफी का खिताब भी अपने नाम किया था। विनय कुमार को उनके शानदार करियर पर भारत और कर्नाटक के दिग्गज अनिल कुंबले ने भी बधाई दी। विनय कुमार ने वनडे और टी20 क्रिकेट से भारत के लिए डेब्यू किया था और शुरुआती दिनों में इन फॉर्मेट में बेहतर प्रदर्शन और रणजी ट्रॉफी में अपनी दमदार गेंदबाजी के दम पर उन्हें टेस्ट फॉर्मेट के लिए भी टीम में शामिल किया गया था। ऑस्ट्रेलिया के मुश्किल दौरे पर विनय को टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू का मौका मिला। पर्थ में हुए तीसरे टेस्ट मैच में विनय ने अपना डेब्यू किया, लेकिन उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए। ऑस्ट्रेलिया ने मैच में सिर्फ एक पारी खेली और इसके चलते विनय को सिर्फ 13 ओवर की गेंदबाजी का मौका मिला, जिसमें वह महंगे साबित हुए और सिर्फ एक विकेट हासिल कर पाए। इसके बाद उन्हें टेस्ट में फिर जगह नहीं मिली।
विनय की कप्तानी में पिछले दशक में कर्नाटक की टीम ने अपना सबसे अच्छा वक्त बिताया। विनय ने 2013-14 सीजन में कर्नाटक को रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और ईरानी कप जैसे घरेलू क्रिकेट के 3 सबसे बड़े खिताब जिताई। वह यहीं नहीं रुके और इसी उपलब्धि को ठीक अगले सीजन (2014-15) में भी दोहराया। विनय ने इन दोनों सीजनों में खुद भी अच्छा प्रदर्शन किया और क्रमशः 29 और 48 विकेट झटके. 139 फर्स्ट क्लास मैचों में विनय ने 504 विकेट झटके, जबकि 141 लिस्ट ए मैचों में उनके नाम 225 विकेट आए।