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87 साल में पहली बार नहीं होगा रणजी ट्रॉफी का आयोजन, यह है कारण!

इस सत्र में रणजी नहीं खेला जाएगा

देश का सबसे प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट रणजी 2020-21 के सेशन में नहीं खेला जाएगा। बीसीसीआई रणजी की जगह 50 ओवर के टूर्नामेंट विजय हजारे ट्रॉफी कराने का फैसला लिया है। ऐसा 87 साल में पहली बार होगा जब देश का प्रमुख प्रथम श्रेणी घरेलू टूर्नमेंट रणजी ट्रॉफी का आयोजन नहीं किया जाएगा। बीसीसीआई ने कहा कि विजय हजारे ट्रोफी खेली जाएगी क्योंकि प्रदेश इकाइयां इसका आयोजन चाहती हैं।

बीसीसीआई पहली बार अंडर-19 राष्ट्रीय वनडे टूर्नमेंट वीनू मांकड़ ट्रॉफी और महिला राष्ट्रीय वनडे टूर्नमेंट का भी आयोजन करेगा। बोर्ड सचिव जय शाह ने प्रदेश इकाइयों को लिखे पत्र में यह जानकारी दी। हालांकि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली और सचिव शाह रणजी ट्रॉफी का आयोजन चाहते थे क्योंकि इसमें खिलाड़ियों को अधिकतम मैच फीस (प्रति मैच करीब डेढ़ लाख रुपये) मिलती है, लेकिन कोरोना महामारी के बीच दो चरण में इसके आयोजन के लिए दो महीने का बायो बबल बनाना संभव नहीं था।

जय शाह ने यह भी बताया कि कोरोना काल में घरेलू कैलेंडर तैयार करना कितना मुश्किल था। उन्होंने कहा, ‘हम पहले ही काफी समय गंवा चुके हैं और सुरक्षात्मक उपायों को ध्यान में रखकर क्रिकेट कैलेंडर तैयार करना काफी कठिन था।’

शाह ने पत्र में लिखा, ‘मुझे यह बताते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि हम सीनियर महिला वनडे टूर्नमेंट, विजय हजारे ट्रॉफी और अंडर 19 वीनू मांकड़ ट्रोफी का आयोजन कर रहे हैं। घरेलू सत्र 2020-21 को लेकर आपका फीडबैक मिलने के बाद यह फैसला लिया गया।’