आईपीएल की शुरुआत होने जा रही है। 9 अप्रैल को आईपीएल का पहला मैच खेला जाएगा। यह मैच मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच चेन्नै में खेला जाएगा। इस बार के आईपीएल में कोई भी मैच घरेलू मैदान पर नहीं होगा और सभी टीमों को न्यूट्रल मैदानों पर ही खेलना होगा। इसके अलावा बीसीसीआई ने कुछ और नए नियम इस बार के सीजन में इस्तेमाल करने का फैसला किया है। एक नजर उन पर डालते हैं।
सॉफ्ट सिग्नल हुआ खत्म
भारत और इंग्लैंड के बीच मुकाबले में सॉफ्ट सिग्नल काफी विवादों में रहा। कप्तान विराट कोहली ने भी इस नियम पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद इस साल के आईपीएल में सॉफ्ट सिग्नल आउट नियम को हटा दिया गया है। नये नियम के हिसाब से मैदान पर मौजूद अंपायर के सॉफ्ट सिग्नल का असर तीसरे अंपायर के फैसले पर नहीं पड़ेगा। अंपायरों को फैसला लेने के लिए तीसरे अंपायर की मदद की जरूरत होती है लेकिन इससे पहले गेंदबाजी छोर वाले अंपायर और स्क्वेअर लेग पर खड़े अंपायर से परामर्श करना चाहिए। इसके बाद फैसला पूरी तरह तीसरे अंपायर के पास होगा। वह तय करेगा कि बल्लेबाज आउट हुआ है या नहीं। गेंद जमीन को छुई है या बल्लेबाज ने जानबूझकर फील्डिंग में बाधा पहुंचाई है। यानी मैदानी अंपायर के एक बार तीसरे अंपायर को रेफर करने के बाद सॉफ्ट सिग्नल बेमानी हो जाएगा।
वहीं बसीसीआई ने साफ किया है कि 20वां ओवर 90 मिनट में खत्म हो जाना चाहिए। पहले 20वां ओवर 90वें मिनट में शुरू होना जरूरी था। बयान में बीसीसीआई ने कहा कि मैच की टाइमिंग नियंत्रित करने को यह बेहद जरूरी है। बयान में कहा गया है कि आईपीएल मैच में हर घंटे में औसतन 14.11 ओवर होने चाहिए। इसमें टाइम-आउट शामिल नहीं होगा। बिना किसी रुकावट के होने वाले मैच की एक पारी 90 मिनट में खत्म होनी चाहिए। यानी 85 मिनट का खेल और 5 मिनट टाइम-आउट के लिए।
मैदानी अंपायर द्वारा शॉर्ट रन नियम में भी बदलाव किया गया है। इसकी जिम्मेदारी भी तीसरे अंपायर को दी गई है। तीसरा अंपायर अब मैदान पर मौजूद अंपायर के शॉर्ट रन कॉल के फैसले में तब्दीली भी कर सकता है। पिछले आईपीएल सीजन में किंग्स इलेवन पंजाब और दिल्ली कैपिटल्स के बीच हुए मैच में इस मामले को लेकर काफी विवाद हुआ था। उसके बाद ही यह फैसला लिया गया है।