टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत के लिए इतिहास रचने वाली बैडमिंटन की स्टार खिलाड़ी पीवी सिंधु लगातार ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। इससे पहले उन्होंने 2016 रियो ओलंपिक में रजत पदक अपने नाम किया था। लेकिन अब वो 20 ब्रांडों को अदलात में ले जाने की तैयारी कर रही हैं। जिसके बाद इन ब्रांडों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
दरअसल, टोक्यो अलंपिक में उनके मेडल जीतने पर पूरे देश ने बधाई दी और इसमें कुछ ब्रांड भी शामिल थे। जिसमें से कई ब्रांड ऐसे भी हैं जो उनके इजाजत के बिना ही उनके नाम और छवि का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन्हीं के खिलाफ पीवी सिंधु एक्शन लेने के मुड में आ गई हैं। खबर है कि, पीवी सिंधु इन ब्रांडों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की योजना बना रही हैं।
जिस तरह से कई ब्रांड द्वारा उनके नाम का उपयोग किया गया है उस पर सिंधु ने आपत्ति जताते हुए कहा, ब्रांडों के पास एक मौका है कि वह इस बारे में अधिक सावधान हो जाएंगे, वह अपनी सामग्री में किसी सार्वजनिक व्यक्तित्व की छवि या नाम का उपयोग कैसे करते हैं। स्पोर्ट्स मार्केटिंग एजेंसी बेसलाइन वेंचर्स के मुताबिक, उनकी अनुमित के बगैर उनका नाम और छवि इस्तेमाल करने वाले ब्रांडों से सिंधु ने पांच करोड़ रुपये के हर्जाने के रुप में मांग की है।
बेसलाइन वेंचर्स नियमों का उल्लंघन करने के लिए करीब 20 ब्रांडों के खिलाफ एक्शन लेगा और कोर्ट में ले जाएगा। इनमें से 15 को पहले ही कानूनी नोटिस भेजी जा चुकी है। इसमें फोर्ब्स, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, वोडाफोन आइडिया, एमजी मोटर, यूको बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, कोटक महिंद्रा बैंक, फिनो पेमेंट्स बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन बैंक और विप्रो लाइटिंग जैसे ब्रांड शामिल हैं जिन्हें कानूनी नोटिस भेजा चा चुका है। साथ हैपीडेंट, पान बहार और यूरेका भी इसमें शामिल हैं।