भारत के महान सलामी बल्लेबाजों में से एक वीरेंद्र सहवाग जब मैदान पर उतरते थे तो पूरे भारतीयों की निगाहें टीवी पर टिक जाती थी। सहवाग अपने तूफानी अंदाज से टेस्ट में पारी की शुरुआत करने के तरीके को बदल दिया था। वीरेंद्र सहवाग ने खुलासा किया है कि सब उन्होंने डेब्यू किया तो पाकिस्तान के खिलाड़ियों ने उनका गाली से स्वागत किया।
सहवाग अपने इस वनडे डेब्यू को हमेशा याद करते हैं। उन्होंने एक अप्रैल 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ वनडे डेब्यू किया था, जिसमें उन्होंने सिर्फ एक रन बनाया था। उस समय वह मध्य क्रम में खेलते थे। लेकिन जैसे ही वह बल्लेबाजी करने आए, पाकिस्तान के दिग्गजों ने उन्हें घेर लिया और गालियों देनी शुरू कर दी। इस बात का उन्होंने खुलासा आरजे रौनक के नए शो पर किया है। उन्होंने कहा कि, मैं उस समय 20-21 साल का था। मैं जब बल्लेबाजी करने गया तो शाहिद अफरीदी, शोएब अख्तर, मोहम्मद युसूफ और पाकिस्तान टीम के बाकी के सदस्यों ने मेरा गालियों के साथ स्वागत किया वो भी ऐसी जो मैंने कभी सुनी नहीं थीं। भारत को उस मैच में सात विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। भारतीय टीम 196 रनों पर आउट हो गई थी और पाकिस्तान ने 42 ओवरों में तीन विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया।
उन्होंने कहा कि, उनका पहला मैच था जिसके कारण वो कुछ नहीं कर सकते हैं। सहवाग ने आगे कहा कि, मैं थोड़ी बहुत पंजाबी समझता हूं इसलिए मुझे समझ आ रहा था कि वह क्या बोल रहे हैं, लेकिन मैं कुछ कर नहीं सकता था क्योंकि वो मेरा पहला मैच था और मैं नवर्स था। कुछ 20-25000 लोग मैच देखने आए थे, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इतने लोगों के सामने खेलूंगा। इसलिए तब मैं कुछ नहीं कर सकता था। लेकिन बाद में जब मैं एक खिलाड़ी बन गया मैंने यह पक्का किया कि मैं उन्हें सभी कुछ वापस करूं।
इन पाकिस्तानी खिलाड़ियों के गाली का बदला उन्होंने 2004 में लिया। उन्होंने कहा कि, हम जब 2004 में पाकिस्तान के दौरे पर गए थे, मैंने मुल्तान में तिहरा शतक जमाया। मैंने उनकी सारी गालियां वापस कर दीं और बदला लिया। मैं जब भी पाकिस्तान के खिलाफ खेला था, अपने आप ही मेरा खून उबलने लगता था और इसलिए मैंने हमेशा उनके खिलाफ अच्छा किया।