केपटाउन में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन साउथ अफ्रीका की दूसरी पारी के 21वें ओवर में रविचंद्रन अश्विन गेंदबाजी के लिए आए। इस ओवर की चौथी गेंद पर रविचंद्रन अश्विन ने साउथ अफ्रीका के कप्तान डीन एल्गर को LBW आउट कर दिया। फील्ड अंपायर ने भी फैसला भारत के पक्ष में देते हुए डीन एल्गर को LBW आउट दे दिया। साउथ अफ्रीका के कप्तान डीन एल्गर ने तुरंत DRS रिव्यू ले लिया। इसके बाद थर्ड अंपायर ने डीन एल्गर को नॉट आउट दे दिया। थर्ड अंपायर के एक फैसले ने टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली को बेहद नाराज कर दिया। ये घटना आम है।
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लेकिन साल 2012 को टी20 मैच ऐसा था, जिसने भी देखा, उसके जहन में रह गया। टी20 मैच में भारतीय क्रिकेटर आपस में भिड़ गए। बात इतनी बिगड़ गई कि हाथापाई हो गई। यही नहीं मामला पुलिस तक पहुंच गया और आरोपी खिलाड़ियों पर केस भी दर्ज हो गया।उदयपुर के मिराज ग्राउंड में एक टी20 मैच चल रहा था। मैच ऐसा वैसा नहीं था इस मुकाबले में राजस्थान के रणजी खिलाड़ी खेल रहे थे। विकेटकीपर बल्लेबाज निखिल डोरू बल्लेबाजी कर रहे थे और अचानक उनका विकेट गिर गया। इसके बाद विरोधी टीम के खिलाड़ी शमशेर सिंह ने आक्रामक जश्न मनाया और उन्होंने निखिल डोरू को कुछ कहा।
शमशेर ने जो भी कहा उसे सुनकर निखिल डोरू भड़क गए और विरोधी खिलाड़ी से उनकी बहस होने लगी। तभी शमशेर सिंह ने निखिल डोरू को धक्का दे दिया और मामला काफी बढ़ गया। निखिर डोरू और शमशेर सिंह के बीच धक्कामुक्की होते देख अंपायर तुरंत बीच-बचाव के लिए आए। वहीं नॉन स्ट्राइक पर खड़ा बल्लेबाज भी उन्हें अलग करने आया। लेकिन इससे पहले की कुछ थमता तभी एक और रणजी खिलाड़ी ने निखिल डोरू को मुक्का जमा दिया। ये खिलाड़ी था किशन चौधरी जिसने पीछे से आकर अचानक निखिल डोरू के सिर पर पंच जड़ दिया। ये देख मामला और बिगड़ गया।
निखिल डोरू भी उनकी ओर झपटा और किशन चौधरी एक बार फिर बल्लेबाज को मारने की कोशिश करने लगे। हंगामा होने के बाद दोनों टीमों के खिलाड़ी मैदान में आ गए। यही नही समर्थक भी मैदान में घुस आए। काफी देर तक मैदान पर ये सब चलता रहा और फिर पुलिस की ग्राउंड में एंट्री हुई। पुलिस ने पहले तो लड़ाई रुकवाई और उसके बाद बल्लेबाज निखिल डोरू ने आरोपी शमशेर और किशन चौधरी के खिलाफ केस दर्ज कराया। इतने हंगामे के बाद मैच रद्द कर दिया गया हालांकि इस घटना से क्रिकेट के खेल पर दाग जरूर लग गया।