क्रिकेट मैच में खेल रही टीमों पर जीत को लेकर दबाव बना होता है। ये मानसिक दबाव न सिर्फ कैप्टन पर बल्कि टीम में शामिल सभी खिलाड़ियों को झेलना पड़ता है। इस मानसिक दबाव से मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) भी गुजरे है। सचिन तेंदुलकर ने एक इंटरव्यू में खुलकर बात की और मानसिक दवाब को लेकर हुई पीड़ा का जिक्र किया। इंटरव्यू में सचिन ने बताया कि मैच से एक रात पहले उन्हें नींद नहीं आती थी और ऐसा उनके साथ 10 से 12 सालों तक हुआ। एंग्जाइटी का शिकार सचिन तेंदुलकर कई रातों तक सो नहीं पाते थे।
सचिन तेंदुलकर ने इंटरव्यू में कहा कि 'मेरे करियर के 10 से 12 सालों के दौरान मैं मैच से पहले सो नहीं पाता था। मैं बिस्तर पर करवटें बदलता रहता। मैं मैच के बारे में सोचता रहता था। एक दशक के बाद मुझे एहसास हुआ कि शायद मैं इसी तरह मैच के लिए तैयार होता हूं, मैंने उस हालात से लड़ना बंद कर दिया। मैं मैच से पहले टीवी देखता था। मैं वो सब करता था जो मुझे मैच में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए मदद करता था। 'ये शारीरिक ही नहीं मानसिक तैयारी भी होती थी। मैं कोशिश करता था कि मैं मानसिक तौर पर शांत रहूं और ये ना सोचूं कि मैं अगले दिन कैसे खेलूंगा। कुछ समय में मैंने अपने बारे में काफी कुछ सीखा।
सचिन तेंदुलकर ने आगे बताया कि मैं उन हालातों से निपटना सीखा जिसने मेरी काफी मदद की। एक चीज थी कि मैं लोगों की उम्मीदों के बारे में सोचूं या फिर अपनी खुद से की गई अपेक्षाओं पर ध्यान दूं। मैंने खुद की उम्मीदों पर ही ध्यान देने का फैसला किया क्योंकि लोग नहीं जानते थे कि मेरे दिमाग में क्या चल रहा है। मैं किस दबाव में हूं। मैंने खुद को हमेशा अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पूरी तरह झोंका।' आपको बता दें कि सचिन इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 शतक लगाने का रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके है। सचिन ने 200 टेस्ट और 463 वनडे मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया जिसमें उन्होंने 34 हजार से ज्यादा रन बनाए।