भारत को जुलाई में श्रीलंका का दौरा करना है। इस दौरे पर भारत की दूसरी टीम जाने वाली है। यानी के एक टीम इंग्लैंड में खेलेगी तो दूसरी टीम श्रीलंका में। इस बीच बुरी खबर है। श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच विवाद गहराता जा रहा है। खिलाड़ियों के इस कदम के बाद श्रीलंका टीम के इंग्लैंड दौरे पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं।
श्रीलंका टीम को 9 जून को इंग्लैंड के लिए रवाना होना है। दोनों टीमों के बीच तीन टी-20 और इतने ही वनडे मैच खेले जाने हैं। 38 खिलाड़ियों के हस्ताक्षर वाले एक बयान में कहा गया है, 'एसएलसी द्वारा तय रेटिंग सिस्टम में पारदर्शिता में दिक्कतों को देखते हुए खिलाड़ियों ने ट्रेवल कांट्रेक्ट पर साइन नहीं करने का फैसला किया है।' बयान में आगे कहा गया कि बोर्ड जब तक खिलाड़ियों के साथ न्यायोचित व्यवहार नहीं करता तब तक खिलाड़ी करार पर साइन नहीं करेंगे। खिलाड़ियों का कहना है कि इस करार में पारदर्शिता की कमी है और इसमें सीनियर खिलाड़ियों के न्याय नहीं हो रहा है।
दरअसल बोर्ड के नए सिस्टम के तहत खिलाडि़यों को चार अलग-अलग ग्रुप में बांटा गया है। इसमें पिछले दो साल में उनकी फिटनेस के स्तर, अनुशासन, लीडरशिप, टीम के प्रति योगदान, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट में उनके प्रदर्शन के आधार पर अंक दिए जाएंगे। श्रीलंकाई क्रिकेटरों की मांग है कि इस सिस्टम को अधिक पारदर्शी बनाया जाए। खिलाड़ियों का कहना है कि उन्हें ये बताया जाए कि ग्रेड के आधार पर किस तरह उन्हें अंक दिए जाएंगे। वो इसलिए क्योंकि इससे उनकी कमाई पर सीधा और गहरा असर पड़ेगा।
एक ओर जहां श्रीलंका के खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच तनाव चल रहा है, वहीं जुलाई में उसे टीम इंडिया का भी सामना करना है। बीसीसीआई के प्लान के मुताबिक, टीम इंडिया श्रीलंका में सीमित ओवरों की सीरीज खेलेगी। श्रीलंका दौरे पर 3 टी20 अंतरराष्ट्रीय और तीन वनडे मैचों की सीरीज हो सकती है।