सागर धनखड़ हत्याकांड के आरोप में जेल में बंद सुशील पहलवान को मंडोली जेल से तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया। उन्हें तिहाड़ की जेल नम्बर 2 में भेजा गया। गिरफ्तारी के बाद से अब तक उन्हें न्यायिक हिरासत में दिल्ली की मंडोली जेल में विचाराधीन कैदी के रूप में ही बंद करके रखा जा रहा था। इससे सुशील कुमार काफी राहत भी महसूस कर रहे थे। हाल में मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट ने मंडोली जेल से उनकी बदली कर दी है। साथ ही आदेश दिया है कि सुशील कुमार अब आने वाले समय में न्यायिक हिरासत की अवधि तिहाड़ जेल में बंद रहकर काटेंगे।
मंडोली जेल में सुशील कुमार की जान को खतरा था या नहीं था, यह वे और जेल प्रशासन बेहतर जानते होंगे। हां, अब जब से दिल्ली की कोर्ट ने सुशील कुमार पहलवान को तिहाड़ जेल में बंद रखने का आदेश दिया है तब से उनके चेहरे पर हवाईयां उड़ी हुई हैं। क्योंकि इसी तिहाड़ की जेल नंबर-2 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का कुख्यात गैंगस्टर-शार्प शूटर नीरज बवानिया कैद है। नीरज बवानिया के कई गुंडे तिहाड़ जेल नंबर-3 में पहले से बंद बताए जाते हैं। तिहाड़ जेल महानिदेशालय की नियमावली के मुताबिक, कैदियों को उनके नाम के अक्षर (अल्फावेटिकली) के हिसाब से जेल नंबर तय करके उसमें कैद किया जाता है।
सुशील पहलवान की फिलहाल चिंता यह है कि वो जिस तिहाड़ जेल में नीरज बवानिया पहले से बंद है, उसी में अब उसे भी कैद करके रखा जाएगा। ऐसे में आगे क्या हो और वो तिहाड़ में विचाराधीन कैदी के रूप में कैसे सुरक्षित बंद रहेगा? एक विचाराधीन कैदी के रूप में इसकी चिंता करना सुशील के लिए लाजिमी है। हालांकि तिहाड़ जेल महानिदेशालय इन तमाम तथ्यों-तर्कों पर शुरू से ही विराम लगाता रहा है। जेल प्रशासन की कोशिश होगी कि सुशील को, एक नंबर या फिर चार नंबर जेल में बंद किया जाए। क्योंकि तिहाड़ की एक और चार नंबर जेल में नीरज बवानिया का कोई आदमी बंद नहीं है।” जेल के ही एक सूत्र के मुताबिक। “अभी तो सुशील कुमार को तिहाड़ की मेन जेल में वैसे भी नहीं भेजा जाएगा।
बता दें कि कुछ समय पहले ही सुशील कुमार ने कोर्ट में अर्जी देकर आग्रह किया था कि उन्हें जेल के अंदर विशेष भोजन और पूरक आहार दिया जाए। कोर्ट ने इस अर्जी को खारिज करते हुए कहा था कि ये आवश्यक जरूरतें नहीं हैं। सुशील ने रोहिणी की कोर्ट में अर्जी दायर की थी कि उन्हें प्रोटीन युक्त डाइट, कसरत का सामान जेल में ही दिया जाए, क्योंकि वह पहलवानी में अपना करियर जारी रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि व्हे प्रोटीन, ज्वाइंटमेंट कैप्सूल, प्री वर्कआउट सी 4, ओमेगा 3 कैप्सूल और मल्टीविटामिन जीएनसी समेत सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं। इस पर जज ने कहा था कि ये विशेष भोजन और पूरक आहार आरोपी की इच्छाएं हैं, आवश्यक जरूरतें नहीं। जज ने ये भी कहा था कि दिल्ली जेल कानून 2018 के तहत आरोपियों की जरूरतों का जेलों में ख्याल रखना जाता है। जानकारी के मुताबिक, सुशील कुमार को तिहाड़ जेल के भीतर भी बाकी तमाम कैदियों की तरह ही नॉर्मल खाना दिया जाएगा।