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बॉक्सिंग-डे टेस्ट में जीत की ओर टीम इंडिया, तीसरे दिन ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर भेजा

बॉक्सिंग-डे टेस्ट में जीत की ओर टीम इंडिया, तीसरे दिन ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर भेजा

भारतीय टीम ने तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच के तीसरे दिन ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर भेजकर चार मैचों की श्रृंखला बराबर करने की तरफ मजबूत कदम बढ़ाए। पहली पारी की अच्छी बढ़त के बाद गेंदबाजों के एक और उत्कृष्ट प्रदर्शन से भारत का पलड़ा भारी रहा। ऑस्ट्रेलिया ने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक छह विकेट पर 133 रन बनाए हैं और वह भारत से केवल दो रन आगे है। भारत ने कप्तान अजिंक्य रहाणे (112) के आकर्षक शतक और रवींद्र जडेजा (57) के अर्धशतक की मदद से अपनी पहली पारी में 326 रन बनाकर 131 रन की बढ़त हासिल की थी।

ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 195 रन बनाए थे। भारत ने सुबह पांच विकेट पर 277 रन से आगे खेलना शुरू किया और तीसरे दिन पहले सत्र में 49 रन जोड़े और इस बीच अपने बाकी बचे पांचों विकेट गंवाए। ऑस्ट्रेलिया ने भी बीच में एक रन के अंदर तीन विकेट गंवाए, जिससे भारत ने मैच पर शिकंजा कसा। ऑस्ट्रेलिया का स्कोर एक समय तीन विकेट पर 98 रन था जो मैथ्यू वेड (40), ट्रेविस हेड (17) और कप्तान टिम पेन (एक) के आउट होने से छह विकेट पर 99 रन हो गया।

निचले क्रम के बल्लेबाजों ने भारत को फिर को परेशान किया क्योंकि ऑलराउंडर कैमरोन ग्रीन (नाबाद 17) और पैट कमिंस (नाबाद 15) ने दिन के बाकी बचे 18 ओवरों में कोई विकेट नहीं गिरने दिया। इन दोनों ने सातवें विकेट के लिए अब तक 34 रन जोड़े हैं। भारत की तरफ से जडेजा ने दो जबकि उमेश यादव, जसप्रीत बुमराह, रविचंद्रन अश्विन और मोहम्मद सिराज ने एक-एक विकेट लिया है।

भारत को इस बीच तेज गेंदबाज उमेश की सेवाएं नहीं मिली जिन्हें अपना चौथा ओवर करते समय पिंडली की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण मैदान छोड़ना पड़ा। उमेश ने इससे पहले अपने दूसरे ओवर में ही जो बर्न्स (चार) को विकेटकीपर ऋषभ पंत के हाथों कैच कराया जिस पर बल्लेबाज एक रिव्यू भी गंवाया था।

अश्विन ने मार्नस लाबुशेन (28) को अपनी कैरम बॉल के जाल में फंसाया। बल्लेबाज ने उनकी गेंद रक्षात्मक रूप से खेलने का प्रयास किया, लेकिन वह बल्ले का किनारा लेकर पहली स्लिप में रहाणे के पास चली गई। स्टीव स्मिथ (आठ) का लचर प्रदर्शन बरकरार रहा और अपने करियर में दूसरी बार उन्होंने पूरे मैच में 10 से कम रन बनाए। बुमराह ने उन्हें लगातार लेग स्टंप पर गेंद कराई और आखिर में उनकी ऐसी ही एक गेंद गिल्ली को गिराकर भारत को महत्वपूर्ण विकेट दिला गई। बल्लेबाज ही नहीं गेंदबाज को विश्वास नहीं हुआ कि विकेट गिर चुका है।

जडेजा ने 38वें ओवर में पहली बार गेंद संभाली और वेड की जुझारू पारी का अंत करके सफलता हासिल करने में देर नहीं लगाई। जडेजा की पगबाधा की विश्वसनीय अपील पर वेड ने रिव्यू भी गंवाया, उन्होंने 137 गेंदें खेली तथा तीन चौके लगाए। इसके बाद सिराज अपना अगला स्पैल करने के लिए आए और उन्होंने पहली गेंद ही हेड को दूसरी स्लिप में कैच करा दिया। जडेजा ने पेन को विकेट के पीछे कैच कराया। अंपायर की न पर रहाणे ने रिव्यू लिया। रीप्ले से लगा कि गेंद ने बल्ले को स्पर्श किया था, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई कप्तान इस फैसले से खुश नहीं दिखा। भारत को आखिरी सत्र में कमिंस का विकेट भी मिल जाता, लेकिन अश्विन की गेंद पर पंत उनका कैच लेने में नाकाम रहे।

इससे पहले रहाणे की आकर्षक शतकीय पारी का रन आउट होने से अंत हुआ। वह टेस्ट मैचों में पहली बार रन आउट हुए। उन्होंने 223 गेंदें खेली तथा 12 चौके लगाये। रहाणे ने जडेजा के साथ छठे विकेट के लिए 121 रन की साझेदारी की। जडेजा की 159 गेंद की पारी में तीन चौके शामिल हैं। जडेजा जब अर्धशतक से एक रन दूर थे तब उन्होंने शॉर्ट कवर पर शॉट खेला और रन के लिए दौड़ पड़े। रहाणे ने उन्हें वापस नहीं भेजा और आगे बढ़ गए पर समय पर क्रीज तक नहीं पहुंच पाए।.