टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है। भारत ने करीब 41 साल बाद ओलंपिक मेडल पर जीत दर्ज की है। मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से मात देकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया है। इतिहास रचने वाली भारतीय टीम में हर एक खिलाड़ी देश का हीरो है। चलिए आपको बताते है टीम इंडिया के हीरो उर्फ जीत दिलाने वाले खिलाड़ियों के बारे में-
मनप्रीत सिंह– मनप्रीत सिंह ने इतिहास रचने में सबसे आगे रहे। 19 साल की उम्र में मनप्रीत सिंह ने टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया था।
पी.आर.श्रीजेश– गोलकीपर श्रीजेश ने मैच में दर्जनों गोल बचाए और टीम इंडिया को जीत की दहलीज तक पहुंचा दिया।
हरमनप्रीत सिंह- 2016 में जूनियर वर्ल्ड कप जीत चुके हरमनप्रीत सिंह रियो ओलंपिक में भी टीम इंडिया का हिस्सा रहे। आज के मैच में हरमनप्रीत ने भी गोल दागा है।
रुपिंदर पाल सिंह– डिफेंडर रुपिंदर को ड्रैग फ्लिकर भी कहा जाता है। उन्होंने पेनाल्टी कॉर्नर के दौरान टीम के लिए कई गोल दागे है।
सुरेंद्र कुमार– सुरेंद्र कुमार को भारतीय टीम के डिफेंस की रीढ़ कहा जाता है। सुरेंद्र एशियन गेम्स, रियो ओलंपिक का हिस्सा रह चुके है।
अमित रोहिदास– लंबे वक्त के बाद टीम इंडिया में दमदार वापसी करने वाले अमित रोहिदास ने शानदार खेला। साल 2017 से वो टीम इंडिया के डिफेंस का अहम मोर्चा है।
बिरेंदर लाकरा– बिरेंद्र लाकरा का ये दूसरा ओलंपिक है। इससे पहले वो लंदन ओलंपिक का हिस्सा रह चुके हैं।
हार्दिक सिंह– सेमी-क्वार्टरफाइनल में हार्दिक के गोल ने टीम इंडिया को जीत के करीब पहुंचा दिया था। इस ओलंपिक में उन्होंने नई पहचान पाई है।
विवेक सिंह प्रसाद– इस मैच में उन्होंने फॉरवर्ड लाइन का जिम्मा संभाला और टीम का बखूबी साथ दिया।
नीलकंत शर्मा– नीलकंत शर्मा ने साल 2016 के जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप में अपना बेस्ट देकर सीनियर टीम में जगह बनाई थी। नीलकंत का खेल भी तारीफें काबिल था।
सुमित वाल्मिकी– सुमित को उनकी तेज रफ्तार के लिए जाना जाता है। 2016 में जूनियर वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का सुमित हिस्सा रह चुके हैं।
शमशेर सिंह- शमशेर पंजाब के अटारी बॉर्डर के पास बसे गांव से आते हैं, जो पाकिस्तान से लगता है। सिर्फ 10 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके शमशेर टीम इंडिया के सरप्राइज पैकेज हैं।
दिलप्रीत सिंह– कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स से लेकर वर्ल्ड कप तक दिलप्रीत सिंह ने हर बड़े टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया।
गुरजंत सिंह- टोक्यो ओलंपिक में भी अहम मोड़ पर गुरजंत सिंह ने गोल करके टीम इंडिया को मेडल की दहलीज पर पहुंचाया।
मनदीप सिंह– 2012 में डेब्यू करने वाले मनदीप ने हॉकी इंडिया लीग में शानदार प्रदर्शन कर अपनी पहचान बनाई। तब से अबतक वो 150 से अधिक मैच खेल चुके हैं।