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ऐसे कैसे खेलेगा इंडिया? ओलिंपियन प्रवीण जाधव को पड़ोसी दे रहे हैं धमकी, जानिए पूरा मामला

ऐसे कैसे खेलेगा इंडिया

टोक्यो ओलंपिक में भारत के कई खिलाड़ियों ने देश का नाम रोशन किया। खिलाड़ियों देश को मेडल दिलाने के लिए सारी जान लगा दी। ऐसे ही एक खिलाड़ी हैं भारतीय दल से तीरंदाजी में भाग लेने वाले प्रवीण जाधव। प्रवीण टोक्यो में देश को मेडल दिलाने की कोशिश कर थे। वहीं दूसरी ओर उनके परिवार को धमकाया जा रहा है। उनके गांव में पड़ोसी उनका घर जेसीबी से गिरा देने की धमकी दे रहे हैं। इन धमकियों से परेशान प्रवीण जाधव के पिता रमेश जाधव ने गांल छोड़ने का मन बना लिया है।

प्रवीण जाधव के माता-पिता महाराष्ट्र के सतारा जिले के सराडे गांव में रहते हैं। यहां उनका दो कमरों का एक छोटा सा घर है, जिसे वो बढ़ाना चाहते थे। जिससे उनके पड़ोसी भड़ग गए और धमकी देने लेने लगे। प्रवीण के पिता रमेश जाधव गांव में ही मजदूरी करते हैं। प्रवीण जाधव की भारतीय सेना में नौकरी से घर की स्थिति पहले से सुधरी है। ऐसे में प्रवीण के पिता घर को बड़ा बनाना चाह रहे हैं। लेकिन पड़ोसी उन्हें कंस्ट्रक्शन नहीं करने दे रहे हैं। पड़ोसी का कहना है कि यह जमीन उनकी है। प्रवीण जाधव के पिता द्वारा घर बनाए जाने से इनके पड़ोसी के घर का रास्ता संकरा हो जाएगा। लेकिन प्रवीण जाधव के पिता पड़ोसी के दावे को गलत बताते हैं।

टोक्यो से लौटने के बाद प्रवीण ने बताया कि मेरे माता-पिता शेती महामंडल (स्टेट एग्रीकल्चर कॉर्पोरेशन) में मजदूरी करते थे। महामंडल ने ही हमें ये जमीन दी थी और जब हमारी आर्थिक हालत सुधरने लगी तो हमने मकान बनाना शुरू किया।" उन्होंने ये भी बताया कि महामंडल ने उन्हें इस जमीन के लिए पट्टा नहीं दिया था और मौखिक समझौता ही हुआ था।

इलकों के एसडीओ शिवाजी जगताप ने इस मामले की छानबीन की तो पाया कि यह जमीन आधिकारिक रूप से अभी भी शेती महामंडल की है। यानी पड़ोसियों का यह दावा गलत है कि यह जमीन उनकी है।  उन्होंने बताया कि जाधव परिवार ने मकान बनाने का फैसला लिया था लेकिन उनके पड़ोसियों ने ये कहते हुए आपत्ति जता दी कि इससे उनके आने-जाने का रास्ता ब्लाक हो जाएगा। पुलिसकर्मियों ने वहां पहुंचकर दोनों के बीच विवाद सुलझाने की कोशिश की थी।