टोक्यो से भारत के लिए आज खुशखबरी आई है। भारत की स्टार शटरल पीवी सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रच दिया है। उन्होंने कांस्य पदक जीत लिया है। सिंधु ने चीन की बिंगजियाओ को सीधे गेम 21-13, 21-15 से हराकर कांस्य पदक पर कब्जा किया है। उन्होंने कांस्य पदक के मैच में चीन की खिलाड़ी को सीधे गेमों में हरा भारत को ओलंपिक में तीसरा पदक दिलाया।
यह मैच 53 मिनट तक चला। सिंधु दुनिया की सिर्फ चौथी बैडमिंटन खिलाड़ी बन गई हैं, जिन्होंने दो अलग-अलग ओलिंपिक में मेडल जीता है। साथ ही वे दो ओलिंपिक मेेडल जीतने वाली दूसरी भारतीय खिलाड़ी और पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। उनसे पहले पुरुष कुश्ती खिलाड़ी सुशील कुमार ने बीजिंग और लंदन ओलिंपिक में पदक अपने नाम किए थे।
ओवरऑल ओलंपिक बैडमिंटन में भारत- तीसरा पदक
साइना नेहवाल
कांस्य पदक: लंदन ओलंपिक (2012)
पीवी सिंधु
रजत पदक: रियो डी जेनेरियो (2016)
पीवी सिंधु
कांस्य पदक: टोक्यो ओलंपिक (2020)
पीवी सिंधु ने देश को गर्व से भर दिया है। 2019 की वर्ल्ड चैंपियन पीवी सिंधु ने ग्रुप-जे में शीर्ष पर रहकर नॉकआउट के लिए क्वालिफाई किया था। सिंधु ने अपना पहला मुकाबला इजरायल की सेनिया पोलिकारपोवा को 21-7, 21-10 से जीता। इसके बाद बुधवार को अपने आखिरी ग्रुप मैच में उन्होंने हॉन्गकॉन्ग की च्युंग एनगान यी को 21-9, 21-16 से मात दी। फिर रांउड-16 में उन्होंने डेनमार्क की मिया ब्लिचफेल्ट को 21-15, 21-13 से शिकस्त देकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया था। इसके बाद क्वार्टर फाइनल में सिंधु ने जापान की अकाने यामागुची को 21-13, 22-20 से हराया था। हालांकि सेमीफाइनल में सिंधु वर्ल्ड नंबर-1 चीनी ताइपे की ताइ जू यिंग से 18-21, 12-21 से हार गईं। जिसके बाद उनका ओलंपिक में गोल्ड जीतने का सपना टूट गया।