टोक्यो ओलंपिक के महाकुंभ में दुनियाभर के खिलाड़ी अपने हुनर का प्रदर्शन कर रहे हैं। भारत की ओर से भी 100 से ज्यादा खिलाड़ी मेडल पर निशाना साध रहे हैं। लेकिन सबसे पहले मीराबाई चानू ने सिल्वर जीत कर इतिहास रचते हुए भारत की झोली में इस बार के ओलंपिक का पहला मेडल डाला है। इधर उनके जीतते ही देशभर के लोग बधाई दे रहे हैं और मणिपुर सरकार ने उन्हें एडिशनल एसपी नियुक्त किया है।
राज्य सराकर ने मीराबाई चानू को मणिपुर पुलिस में एडिशनल एसपी (स्पोर्ट) के पद पर तैनात करने का फैसला किया है। इसके साथ ही राज्य सरकार पहले ही मीराबाई को एक करोड़ रुपये नकद पुरस्कार देने की घोषणा कर चुकी है। मीराबाई ने वेटलिफ्टिंग में पदक का भारत का 21 साल के सूखे को खत्म किया है और सिल्वर मेडल जीतकर देश का खाता भी खोला। उन्हें यह मेडल 49 किग्रा कैटेगरी में मिला। इस इवेंट में चाइना की हाऊ झीहुई ने गोल्ड हासिल किया था। अब ऐसी खबर सामने आ रही है कि झीहुई का डोपिंग टेस्ट होगा। ऐसे में अगर वे इसमें फेल हो जाती हैं तो गोल्ड मेडल चानू की झोली में आ जाएगा।
बताते चलें कि, चानू से पहले कर्णम मल्लेश्वरी ने सिडनी ओलंपिक 2000 में वेटलिफ्टिंग में कांस्य पदक जीता था। उसके 21 साल के बाद अब भारत को इस इवेंट में मेडल मिला है। वहीं, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीपेन सिंह ने उनके एडिशनल एसपी के अलावा यह भी कहा है कि अगर उन्हें गोल्ड मिलता है तो वह मीराबाई चानू को एक करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार देंगे।