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Tokyo Olympics: सुमित नागल ने 25 साल के सूखे को खत्म कर रचा इतिहास, ऐसा करने वाले बने तीसरे भारतीय

सुमित नागल ने 25 साल के सूखे को खत्म कर रचा इतिहास

टोक्यो में चल रहे ओलंपिक खेल में दुनियाभर के खिलाड़ी अपना प्रदर्शन दिखा रहे हैं, इस बीच हर खिलाड़ियों की नजर गोल्ड पर है। अब तक सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल (3) चीन के खाते में गए हैं। भारत के खाते में फिलहाल सिल्वर मेडल आया है, देश की बेटी मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल जीत कर पूरे देशवासियों का सर गर्व से ऊंचा किर दिया है। वहीं, सुमित नागल ने ओलंपिक में 25 साल में मेंस सिंगल्स टूर्नामेंट में जीत दर्ज करने वाले तीसरे भारतीय टेनिस खिलाड़ी बन गए हैं।

बताते चलें कि टोक्य ओलंपिक में भारत के 100 से भी ज्यादा खिलाड़ियों ने भाग लिया है ऐसे में माना जा रहा है कि देश के खाते में ज्यादा से ज्यादा मेडल आएगा। सुमित नागल की बात करें तो उन्होंने टोक्यो खेलों में डेनिस इस्तोमिन को तीन सेटों में हराया। नागल ने दो घंटे 34 मिनट तक चले मैच में इस्तोमिन को 6-4, 6-7, 6-4 से मात दी। अब उनका सामना दूसरे दौर में दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी दानिल मेदवेदेव से होगा। जीशान अली ने सियोल ओलंपिक 1988 की टेनिस मेंस सिंगल्स टूर्नामेंट में पराग्वे के विक्टो काबालेरो को हराया था। उसके बाद लिएंडर पेस ने ब्राजील के फर्नाडो मेलिजेनी को हराकर अटलांटा ओलंपिक 1996 में कांस्य पदक जीता था।

लिएंडर पेस के बाद से कोई भारतीय खिलाड़ी ने ओलंपिक में सिंगल्स मैच नहीं जीत पाया है। सुमित नागल ने मैच के बाद कहा, दूसरा सेट 5-3 से गंवाने के बाद इस तरह के गर्म मौसम में वापसी करना आसान नहीं था। मैं देश की तरफ से खेल रहा था और इससे मुझे प्रेरणा मिली। मैं नहीं जानता कि यदि मैं चैलेंजर में खेल रहा होता तो मैं क्या करता। मैं कोर्ट से खुश होकर लौटा। इसके आगे उन्होंने कहा कि, यहां वास्तव में काफी गर्मी और उमस है। ऐसे मौसम में खेलना बहुत मुश्किल है विशेषकर दोपहर 12 बजे के आसपास स्थिति बुरी होती है। इसलिए मैं सर्विस पर ध्यान देने की कोशिश कर रहा था। यह चुनौतीपूर्ण है और मैं क्ले कोर्ट से हार्ड कोर्ट पर सामंजस्य बिठाने की कोशिश कर रहा हूं।