टोक्यो ओलंपिक के बाद खेल प्रमियों की नजर टोक्यो में ही शुरू हो रहे पैरालंपिक खेलों पर है। भारत को यहां भी अपने खिलाड़ियों से पदक की उम्मीद है। 54 खिलाड़ियों का दल देश को इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में पहली बार दोहरे अंक में पदक दिला सकता है। 24 अगस्त से 5 सितंबर तक पैरालंपिक होगा। जिसमें 163 देशों के लगभग 4500 खिलाड़ी 22 खेलों की 540 स्पर्धाओं में हिस्सा लेंगे।
भारत ने 1972 में पहली बार पैरालंपिक में हिस्सा लिया था और तब से इन खेलों में कुल 12 पदक जीत चुका है। अगर भारत उम्मीद के मुताबिक सफलता हासिल करता है, तो इस बार पदक तालिका में शीर्ष 25 में जगह बना सकता है। भारत 2016 रियो पैरालंपिक में दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक के साथ 43वें स्थान पर रहा था। रियो 2016 पैरालंपिक के स्वर्ण पदक विजेता स्टार भाला फेंक खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया और ऊंची कूद के स्टार मरियप्पन थंगावेलू भारत के अब तक के सबसे बड़े दल की अगुआई करेंगे। भारत को इन खेलों में पांच स्वर्ण पदक सहित कम से कम 15 पदक की उम्मीद है।
देवेंद्र झाझरिया 40 साल की उम्र में स्वर्ण पदक की हैट्रिक के मजबूत दावेदार हैं। वह एफ-46 वर्ग में 2004 और 2016 में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं और 2016 में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं और मौजूदा विश्व रिकॉर्ड धारक हैं। पांच साल की उम्र में घुटने से नीचे का पैर बस से कुचले जाने के बाद स्थाई रूप से दिव्यांग हुए मरियप्पन एक अन्य भारतीय पैरा खिलाड़ी हैं, जो 2016 में टी-63 ऊंची कूद में जीते स्वर्ण पदक का बचाव करने उतरेंगे। वहीं संदीप चौधरी (एफ-64 भाला फेंक) 24 सदस्यीय पैरा एथलेटिक्स टीम में स्वर्ण पदक के तीसरे दावेदार हैं।
तीरंदाजी में इस खेल में 5 एथलीट भाग ले रहे हैं। इनके इवेंट 27 अगस्त यानी शुक्रवार से शुरू हो जाएंगे। पुरुष: हरविंदर सिंह, विवेक चिकारा (रिकर्व), राकेश शर्मा, श्याम सुंदर स्वामी (कंपाउंड), वहीं महिला में ज्योति बालियान (कंपाउंड), बैडमिंटन टोक्यो खेलों के दौरान पैरालंपिक में पदार्पण करेगा और इसमें भारत की पदक जीतने की अच्छी संभावनाएं हैं। दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और कई बार के विश्व चैम्पियन प्रमोद भगत पुरुष एसएल 3 वर्ग में स्वर्ण पदक के मजबूत दावेदार हैं।