यूरो कप के फाइनल में इटली ने इतिहास रच दिया है। इटली अब यूरोप फुटबॉल का चैंपियन बन गया है। पेनल्टी शूट आउट तक चले मुकाबले में इटली ने इंग्लैंड को पटखनी देकर यूरो कप का खिताब अपने नाम कर लिया। बुकायो साका के पेनल्टी शूटआउट चूकते ही वेंबली स्टेडियम में इंग्लिश फैंस के बीच सन्नाटा पसर गया। इंग्लैंड का पहला यूरो कप खिताब जीतने का ख्वाब अधूरा रह गया और ट्रॉफी इटली के साथ रोम चली गई।
जबरदस्त टक्कर वाले इस फाइनल में दोनों टीमों को 120 मिनट के खेल में कोई अलग नहीं कर सका और मुकाबला 1-1 से बराबर रहा, जिसके बाद फैसला पेनल्टी शूटआउट में हुआ, जहां इंग्लैंड ने 3 मौके गंवाए और इटली ने खिताब अपने नाम कर लिया। इसके साथ ही इटली दूसरी बार यूरोपियन चैंपियन बन गया। उसने 1968 में पहली बार ये खिताब जीता था। दूसरी ओर, पहली बार यूरो कप का फाइनल खेल रही इंग्लैंड की टीम का चैंपियन बनने का सपना टूट गया।
⏰ RESULT ⏰
🇮🇹 Italy are the champions of Europe! 👏
🏴 England suffer final defeat at Wembley Stadium🤔 Who impressed you most? #EURO2020
— UEFA EURO 2020 (@EURO2020) July 11, 2021
फाइनल मुकाबले की शुरुआत इंग्लैंड के लिए शानदार रही और ल्यूक शॉ ने मैच के दूसरे ही मिनट में गोल दागकर टीम को 1-0 की बढत दिला दी। पहले हाफ में इंग्लिश टीम के डिफेंस ने अच्छा खेल दिखाया और इटली के हर प्रयास को नाकाम किया। लियोनार्डो बोनुची ने मैच के 67वें मिनट में गोल करके इटली की मैच में वापसी कराई और स्कोर को 1-1 से बराबर किया। बोनुची ने इस गोल के साथ ही एक खास रिकॉर्ड भी अपने नाम किया और वह फाइनल मुकाबले में गोल करने वाले सबसे उम्ररदाज खिलाड़ी बने। इसके बाद दोनों टीमों की तरफ से कोई भी गोल नहीं हुआ और 30 मिनट के एक्स्ट्रा टाइम में भी इटली और इंग्लैंड में से कोई भी टीम एक दूसरे के डिफेंस में सेंध नहीं लगा सकी।
हजारों की संख्या में इंग्लैंड को चीयर करने पहुंचे फैंस की आंखों में आंसू थे, खिलाड़ी मायूस थे। दूसरी ओर, इटली का जश्न देखते बन रहा था। इंग्लैंड के स्टार कप्तान हैरी केन और स्टार्लिंग का जादू नहीं चला और आक्रामक तेवर के साथ खेल रही इटली ने अपना दूसरा यूरो कप खिताब जीत लिया। उसने इससे पहले 1968 में ट्रॉफी जीती थी। यही नहीं, इटली का यह लगातार 34वां अजेय मैच भी रहा।