भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए टी20 सीरीज के दौराव सॉफ्ट सिग्नल को लेकर खूब चर्चा हुई। भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat kohli) ने तो इसका साफ तौर विरोध किया और इस नियम को हटाने की मांग कर दी। विराट कोहली ने सोमवार को फिर से डिसीजन रिव्यू सिस्टम (Decision Review System) में अंपायर्स कॉल आलोचना की।
विराट कोहली ने कहा, कि इससे काफी कंफ्यूजन होता है। ऐसे में एलबीडब्ल्यू से आउट होने का फैसला पूरी तरह से गेंद के स्टंप्स से टकराने पर आधारित होना चाहिए, भले वह मामूली रूप से टकराए। मौजूदा नियमों के मुताबिक बल्लेबाज के पगबाधा को लेकर दिए गए अंपायर के फैसले पर गेंदबाजी टीम की डीआरएस के दौरान गेंद का कम से कम 50 प्रतिशत हिस्सा तीनों स्टंप्स में से किसी एक से टकराना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर अंपायर्स कॉल मान्य होता है।
इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज के दौरान सूर्यकुमार यादव के खिलाफ मैदान अंपायर के ‘सॉफ्ट सिग्नल’ में आउट दिए जाने से की कोहली ने आलोचना करते हुए कहा कि खेल को सरल रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘खेल को सरल होना चाहिए और यह देखा जाना चाहिये कि गेंद स्टंप्स से टकरा रही है या नहीं, यह मायने नहीं रखता कि कितना टकरा रही है, क्योंकि इससे बहुत भम्र हो रहा है। आपको यह सवाल करना होगा कि खेल की भावना क्या है और उसके दिशा-निर्देश क्या हैं, क्योंकि अगर, भारतीय क्रिकेट टीम के साथ विदेशों में ऐसा हुआ है, तो आप खेल भावना को लेकर पूरी तरह से अलग बातचीत करते।’
कोहली ने इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज से पहले कहा, ‘मैं डीआरएस के बिना लंबे समय तक खेला हूं। उस समय अंपायर ने अगर कोई फैसला दिया है तो बल्लेबाज चाहे या ना चाहे वह मान्य होता था। मेरे मुताबिक अंपायर्स कॉल से अभी भ्रम की स्थिति हो रही है। जब आप किसी बल्लेबाज को बोल्ड करते है तो आप यह नहीं सोचते है कि गेंद का 50 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा स्टंप्स से टकराये। इसलिए क्रिकेट की बुनियादी समझ से मुझे नहीं लगता कि इस पर कोई बहस होनी चाहिए। अगर गेंद स्टंप्स से टकरा रही है तो यह आउट होना चाहिए, आप इसे पसंद करे या नहीं, ऐसे में आप समीक्षा गंवा देते है।’
कोहली ने आगे कहा कि बड़े टूर्नामेंटों में इस तरह के अंपायरों के विवादास्पद फैसले से परिणाम प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा, ‘भविष्य में बड़े टूर्नामेंट के साथ बहुत कुछ दांव पर है, और आप खेल में विवादित चीज नहीं चाहते है क्योंकि नाजुक मोड़ पर आपके पास कोई स्पष्टता नहीं होती है।’