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World Blood Donor Day: ब्लड डोनेट करने पहुंचे सचिन तेंदुलकर, देखने के लिए लग गई हजारों फैंस की भीड़

photo courtesy Google

विश्व रक्तदान दिवस (World Blood Donor Day) हर साल 14 जून को मनाया जाता है। इस मौके पर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने लोगों को प्रेरित करने के लिए अपना ब्लड डोनेट किया। सचिन तेंदुलकर की कुछ फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इन तस्वीरें में वो ब्लड डोनेशन गाड़ी से बाहर निकलते हुए नजर आ रहे है। बताया जा रह है सचिन ने अपने घर के बाहर ब्लड डोनेशन कैंप में हिस्सा लिया और रक्तदान भी किया। सचिन ने कोरोना को मात देने के बाद कहा था कि जब वो पात्र होंगे तो प्लाज्मा भी डोनेट करेंगे।

क्यों मनाते है विश्व रक्तदान दिवस

14 जून को नोबल प्राइस विजेता कार्ल लैंडस्टेनर (Karl Landsteiner) का जन्म हुआ था। यही वे साइंटिस्ट हैं, जिन्होंने ABO ब्लड ग्रुप सिस्टम खोजा था। ब्लड ग्रुप्स का पता लगाने वाले कार्ल लैंडस्टीनर के जन्मदिन के दिन ही विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है। कार्ल लैंडस्टीनर के द्वारा ब्लड ग्रुप्स का पता लगाए जाने से पहले तक ब्लड ट्रांसफ्यूजन बिना ग्रुप के जानकारी होता था। इस खोज के लिए ही कार्ल लैंडस्‍टाईन को सन 1930 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

ब्लड डोनेट करना एक अच्छी आदत है। इसमें डरने जैसा कुछ भी नहीं है। चलिए आपको बताते है रक्तदान से जुड़ी रोचक बातें-

ब्लड डोनेट करते समय डोनर के शरीर के केवल एक यूनिट ब्लड ही लिया जाता है.

एक नॉर्मल व्यक्ति के शरीर में 10 यूनिट यानी 5 से 6 लीटर ब्लड होता है.

O नेगेटिव ब्लड ग्रुप यूनिवर्सल डोनर कहलाता है, इसे किसी भी ब्लड ग्रुप के व्यक्ति को दिया जा सकता है.

इमरजेंसी के समय जैसे जब किसी नवजात बालक या अन्य को खून की आवश्यकता हो और उसका ब्लड ग्रुप ना पता हो, तब उसे O नेगेटिव ब्लड दिया जा सकता है।

कोई व्यक्ति 18 से 60 वर्ष की आयु तक रक्त दान कर सकता है।

पुरुष 3 महीने और महिलाएं 4 महीने के अंतराल में नियमित रक्त दान कर सकती है।

अगर कभी रक्त दान के बाद आपको चक्कर आना, पसीना आना, वजन कम होना जैसी समस्या लंबे समय तक बनी हुई हो तो आप रक्त दान ना करें।

भारत में सिर्फ 7 प्रतिशत लोगों का ब्लड ग्रुप O नेगेटिव है।