बिहार में बाढ़ का पानी अब नए क्षेत्रों में भी बढ़ता जा रहा है। राज्य की अधिकांश प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण राज्य के 14 जिलों के लोग बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
राज्य के सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सारण, समस्तीपुर सहित 14 जिलों की 56 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ की विभीषिका झेल रही है। इन बाढ़ प्रभावित इलाकों में घटी विभिन्न घटनाओं में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच हालांकि सरकार राहत और बचाव कार्य का दावा कर रही है।
जल संसाधन विभाग की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कोसी के जलस्तर में घटने का रुख है। वीरपुर बैराज के पास मंगलवार की सुबह छह बजे कोसी का जलस्तर 1़ 97 लाख क्यूसेक था जो आठ बजे घटकर 1़ 91 लाख क्यूसेक हो गया। इधर, गंडक नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है। गंडक का जलस्राव वाल्मीकिनगर बराज पर सुबह आठ बजे 1़ 55 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया।
राज्य की करीब सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, महानंदा व घाघरा कई क्षेत्रों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार के 14 जिलों के कुल 114 प्रखंडों की 1082 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। इन क्षेत्रों में करीब 56़ 53 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इन इलाकों में 19 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां 17 हजार से ज्यादा लोग रह रहे हैं। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 1,358 सामुदायिक रसोईघर चलाए जा रहे हैं, जिसमें प्रतिदिन नौ लाख से ज्यादा लोग भोजन कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 4,18,490 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है।
अपर सचिव ने बताया कि बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को बतौर राहत राशि 6,000 रुपये दिए जा रहे हैं। अभी तक 2,71,407 परिवारों के बैंक खातों में कुल 162़ 84 करोड़ रुपये की राहत राशि भेजी जा चुकी है। ऐसे परिवारों को एसएमएस के माध्यम से सूचित भी किया गया है।.