बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के बाद राज्य की प्रमुख नदियों में आई बाढ़ अब कहर ढाने लगी है। बाढ़ के कारण कई क्षेत्रों में रेल और सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गया है। इस बीच, राज्य के तटबंधों के टूट जाने के बाद बाढ़ का पानी नए क्षेत्रों में प्रवेश कर गया है।
राज्य की ज्यादातर नदियां अभी भी कई क्षेत्रों में लाल निशान के ऊपर बह रही हैं। गोपालगंज के बरौली स्थित देवापुर में सेलुइस गेट के पास पानी के दबाव के कारण सारण तटबंध टूट गया है। इससे गंडक नदी का पानी राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 28 की तरफ तेजी से फैल रहा है। मांझागढ़ प्रखंड के पुरैना में भी सारण तटबंध टूट गया है, जिसके कारण एक बड़ी आबादी बाढ़ से घिर गई है।
गंडक के पानी के दबाव से पूर्वी चंपारण के संग्रामपुर में चंपारण तटबंध टूटने से लोग आशंकित हैं। दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर पानी आ गया है। इस कारण रेल परिचालन बंद कर दिया गया है।
गोपालगंज के जिलाधिकारी अरशद अजीज ने बताया कि सारण तटबंध में मरम्मत और बचाव का कार्य शुरू कर दिया गया है। उन्होंने माना कि बाढ़ का पानी नए क्षेत्रों में बढ़ रहा है। इन क्षेत्रों में भी राहत और बचाव का कार्य शुरू कर दिया गया है।
बाढ़ प्रभावित समस्तीपुर और दरभंगा के बीच एक रेल पुल के समीप बाढ़ का पानी पहुंचने के बाद इस मार्ग पर रेल का परिचालन रोक दिया गया है।
पूर्व-मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने शुक्रवार को बताया कि हायाघाट के समीप पुल संख्या 16 के समीप से बाढ़ का पानी गुजर रहा है, जिस कारण दरभंगा-समस्तीपुर रेल खंड पर ट्रेनों का परिचालन सुबह करीब सात बजे से रोक दिया गया है।
जल संसाधन विभाग के मुताबिक हायाघाट में रेलवे पुल के गाडर और रेलवे ट्रैक पर पानी का दवाब बहुत बढ़ा हुआ है। जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोसी का जलस्तर वीरपुर बैराज के पास शुक्रवार को सुबह आठ बजे 1.67 लाख क्यूसेक बना हुआ है। गंडक नदी का जल बहाव वाल्मीकिनगर बराज के पास स्थिर बना हुआ है। सुबह छह बजे बराज के पास गंडक का जल बहाव 2.36 लाख क्यूसेक था जो आठ बजे सुबह भी बना हुआ था।
राज्य की करीब सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, महानंदा, घाघरा कई क्षेत्रों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
इस बीच, बाढ़ प्रभवित इलाकों में राहत और बचाव कार्य जारी है। आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 10 जिलों के कुल 64 प्रखंडों की 426 पंचायतें प्रभावित हुई हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में 28 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जिसमें 13,877 लोग रह रहे हैं।
उन्होंने बताया कि बाढ़ पीड़ितों के लिए 192 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं। बाढ़ से अब तक 7.65 लाख की आबादी प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि एनडीआएफ और एसडीआरएफ की 21 टीमें बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए लगाए गए हैं।.