लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और केंद्र सरकार में उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान के दिल का ऑपरेशन शनिवार रात को किया गया। इस बात की जानकारी उनके पुत्र और लोजपा के अध्यक्ष सांसद चिराग पासवान ने रविवार को एक ट्वीट के जरिए दी। रामविलास पासवान की सर्जरी के कारण शनिवार को बिहार विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे पर विचार-विमर्श करने के लिए तय लोजपा संसदीय बोर्ड की बैठक को स्थगित कर दिया गया।
चिराग पासवान अब एक गहरे धर्म संकट में फंस चुके हैं। एक तरफ उनके पिता गंभीर रूप से बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हैं और चिकित्सकों का कहना है कि अगर उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो अगले कुछ दिनों में उनकी एक और सर्जरी करनी पड़ेगी। रामविलास पासवान के दिल की एक बाईपास सर्जरी पहले भी हो चुकी है। कुल मिलाकर रामविलास पासवान की सेहत गंभीर खतरे में है।
ऐसे कठिन समय में चिराग पासवान के सामने धर्म संकट है कि वे भाजपा और जदयू वाले गठबंधन से मन मुताबिक सीटें नहीं पाने की स्थिति में उनसे अलग होने का फैसला लें या फिर अपने पिता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कम सीटों पर ही समझौता कर लें। जिससे कि उनके पिता को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटना न पड़े। चिराग यह भी चाहेंगे कि भविष्य में रामविलास पासवान की अनुपस्थिति में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में उनको एक भरोसेमंद सहयोगी के रूप में देखा जाए।
चिराग के सामने दुविधा यह है कि वे भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए भाजपा और जदयू के साथ बने रहे या तात्कालिक नाराजगी जाहिर कर के गठबंधन से बाहर निकल जाएं और दोहरा नुकसान उठाने के लिए तैयार रहें। यह फैसला अब चिराग के हाथ में है। इस फैसले से ही चिराग की राजनीतिक परिपक्वता और फैसले लेने की काबिलियत लोगों के सामने स्पष्ट हो सकेगी। बिहार में चुनाव अभियान अपने पूरे जोर पर है और अभी भी चिराग पासवान कोई स्पष्ट फैसला नहीं ले पाए हैं। इसके लिए उनके पिता के बीमार पड़ने से पैदा हुई आपात परिस्थितियां भी जिम्मेदार हैं।.