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बिहार में चुनावी राह अकेले रोशन करेंगे चिराग

बिहार विधानसभा चुनाव अब एक दिलचस्प चरण में प्रवेश करता नजर आ रहा है। आज रविवार को लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होकर बिहार की चुनावी राह को अकेले रोशन करने का फैसला कर लिया है।

चिराग पासवान का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब लोजपा के संस्थापक और केंद्र सरकार में उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री उनके पिता रामविलास पासवान गंभीर रूप से बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हैं। शनिवार रात को उनके दिल की सर्जरी की गई थी। जरूरत पड़ने पर उनकी एक और सर्जरी की जाएगी। उल्लेखनीय है कि रामविलास पासवान की एक बाईपास सर्जरी पहले भी हो चुकी है। देखा जाए तो रामविलास पासवान का स्वास्थ्य इस समय गंभीर खतरे में है।

ऐसे समय में चिराग पासवान के सामने यह धर्मसंकट खड़ा था कि वह देश और प्रदेश की सत्ता में काबिज राजग गठबंधन में बने रहें या फिर मनमाफिक सीटें नहीं मिलने पर वहां से निकलकर अपने लिए एक अलग मुकाम बनाने की कोशिश करें। आज चिराग पासवान ने एक बड़ा फैसला लिया और राजग गठबंधन से बाहर निकल गए।

एक दिन पहले ही विपक्षी महागठबंधन से विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी के बाहर होने के बाद बिहार की राजनीति में यह दूसरा बड़ी घटना है। बिहार की राजनीति के विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव पूर्व गठबंधनों के टूटने और बनने का समय तो अब कम ही रह गया है। चुनाव के बाद यदि त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनी तो फिर गठबंधनों के बनने और टूटने का एक नया दौर शुरू हो सकता है।

बिहार में पिछले 15 साल से मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार के लिए विपक्षी गठबंधन में बिखराव के कारण यह चुनाव शायद सबसे आसान भी साबित हो सकता है। इसके बावजूद यदि जनता ने अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की तो उनके लिए राह कठिन भी हो सकती है। बिहार की जनता में इस समय नीतीश सरकार की कुछ नीतियों को लेकर बहुत गहरी नाराजगी है और शायद इसी का नतीजा है कि लोजपा ने उनसे अलग दूरी बनाने का साहस दिखाया है।

(एजेंसी इनपुट के साथ).