<span class="star">राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद को चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में जमानत मिलने के बाद बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद की ब्रांड वैल्यू जीरो हो चुकी है। मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भ्रष्टाचार के गंभीर मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद को उनकी पार्टी ऐसे प्रचारित करती है, जैसे वे स्वाधीनता संग्राम में जेल गए हों।</span>
उन्होंने एक बयान जारी कर कहा, "वे यह भी भ्रम फैलाते हैं कि यदि लालू प्रसाद चुनाव के समय जेल से बाहर होते, तो ईवीएम से जिन्न निकलता और पार्टी अच्छा प्रदर्शन करती। वे भूल गए कि 2010 के विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद जेल से बाहर थे और उनकी पार्टी मात्र 22 सीटों पर सिमट गई थी।"
उन्होंने राजद द्वारा प्रसन्नता जताने पर तंज कसते हुए कहा, "सजा की आधी अवधि जेल में गुजारने कारण उन्हें एक मामले में जमानत मिली है। अन्य मामलों में सजा की आधी अवधि भी नहीं काटी, इसलिए वे बाहर नहीं आ सकेंगे। उन्हें जमानत मिलने पर राजद ऐसे जश्न मना रहा है, जैसे वे बाइज्जत बरी कर दिये गए हों।"
उन्होंने कहा कि राजद न्यायपालिका का सम्मान तभी करता है, जब फैसला उसके पक्ष में होता है।
उल्लेखनीय है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को शुक्रवार को चारा घोटाला मामले में जमानत दे दी गई, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष अन्य मामलों में शामिल होने के आरोप में जेल में ही रहेंगे।
झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को चाईबासा कोषागार धोखाधड़ी मामले में लालू प्रसाद को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति अपरेश सिंह ने उन्हें चाईबासा मामले में जेल की आधी अवधि पूरी करने के बाद जमानत दी। उन्हें मामले में पांच साल की जेल की सजा मिली थी।
लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के चार मामलों में दोषी ठहराया गया था। साल 2013 में उन्हें पहले मामले में दोषी ठहराया गया था। इसके बाद उन्हें 2017 और 2018 में चारा घोटाले के तीन अन्य मामलों में दोषी ठहराया गया था।
हालांकि 11 सितंबर को आखिरी सुनवाई के दौरान सीबीआई ने लालू प्रसाद की जमानत याचिका का विरोध किया था। सीबीआई का कहना था कि लालू ने जेल में 30 महीने (आधी सजा) पूरे नहीं किए हैं, जबकि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि उन्होंने जेल में 29 महीने पूरे कर लिए हैं, जो कि उनकी पांच साल की जेल अवधि का लगभग आधा था।
हालांकि वरिष्ठ नेता को दो मामलों में जमानत मिल गई है, लेकिन वह दुमका कोषागार धोखाधड़ी मामले में शामिल होने को लेकर जेल में ही रहेंगे। इसमें उन्हें सात साल की जेल की सजा मिली है।
वर्तमान में लालू प्रसाद यादव रांची में राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) के निदेशक के लिए नामित केली बंगलो में रह रहे हैं। चारा घोटाला के चार मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद लालू प्रसाद खराब स्वास्थ्य के आधार पर बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल की बजाय रिम्स के वार्ड में रह रहे थे।
कोरोनावायरस भय के कारण उन्हें रिम्स निदेशक के बंगले में स्थानांतरित कर दिया गया। राजद प्रमुख दो साल से अधिक समय से रिम्स में हैं। वहीं भाजपा ने उन्हें केली बंगलो में स्थानांतरित करने के कदम पर सवाल उठाया था। वहीं एक अलग मामले में लालू प्रसाद को रिम्स निदेशक के आवास में स्थानांतरित करने को लेकर हाईकोर्ट ने जेल प्रशासन से स्पष्टीकरण मांगा है।.