बिहार तो एनडीए को जीतना जरूरी था ही लेकिन मध्यप्रदेश के उपचुनावों (MP By Election Result 2020) में भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। अगर यहां कमलनाथ का दांव चल जाता तो बीजेपी को न केवल सत्ता से हाथ धोना पड़ता बल्कि विपक्षी दल खूब ताने भी मारते। लेकिन मामा (Shivraj Singh Chauhan) और महाराज (Jyotiraditya Scindia) की मेहनत रंग लाई। मध्य प्रदेश में मामा और महाराज ने साबित कर दिया कि कांग्रेस के पास धोखे का जनाधार था। असली जनाधार बीजेपी के पास ही है। चूंकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ने वाले विधायकों की सीटों पर ही चुनाव हो रहे थे इसलिए सिंधिया और बीजेपी दोनों के लिए मध्यप्रदेश के चुनाव गंभीर मुद्दा थे। 28 में से 21 सीटें जीतने की ओर बढ़ रही बीजेपी कार्यकर्ताओं का उत्साह सातवें आसमान पर है।
मध्यप्रदेश के उपचुनावों के रुझानों में बीजेपी जैसे ही 20 से ज्यादा सीटें जीतती नजर आई वैसे ही कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मीडिया के सामने आए और उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता का फैसला सर्वोपरि है। और उन्हें यह फैसला स्वीकार है। हालांकि, इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कांतिलाल भूरिया ने ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाकर चुनाव परिणामों को नजरअंदाज करने की कोशिश की थी। इस आरोप पर मीडिया कर्मियों ने उनसे पूछा कि क्या बिहार में भी ऐसा ही हुआ है तो कांतिलाल भूरिया बगलें झांकते नजर आए। यही नजारा गुजरात और उत्तर प्रदेश के उप चुनावों में नजर आ रहा है। केवल कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ राज्य की एक मात्र विधान सभा सीट कांग्रेस की झोली जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कार्यालय और बीजेपी कार्यालय में सुबह साढ़े 10 बजे से ही मिठाई बांटना शुरु हो गया था।.