प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के दूसरे चरण में पूरे देश में अगस्त महीने के कोटे का 62.5 फीसदी अनाज का वितरण हो पाया है। बाढ़ की आपदा से प्रभावित बिहार में पीडीएस के लाभार्थियों के बीच पीएमजीकेएवाई के अगस्त महीने के कोटे का सिर्फ 12 फीसदी अनाज बंटा है। जबकि देश में सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में अगस्त के कोटे के 96 फीसदी अनाज का वितरण हो चुका है।
हालांकि कुछ ऐसे भी राज्य हैं जहां अगस्त महीने का अनाज बिल्कुल नहीं बंटा है जबकि मणिपुर और मिजोरम में शत-प्रतिशत वितरण हुआ है। कोरोना काल में शुरू की गई मुफ्त अनाज वितरण योजना के तहत देशभर में अनाज वितरण के ये आंकड़े केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय से मंगलवार को मिले।
आंकड़ों के अनुसार, देशभर में पीएमजीकेएवाई के तहत 50.36 करोड़ लाभार्थियों के बीच अगस्त महीने के कोटे से 25.18 लाख टन अनाज का वितरण हुआ जोकि महीने के कुल कोटे का 62.5 फीसदी है। वहीं, जुलाई महीने के कोटे का 35.98 लाख टन अनाज 71.96 करोड़ लाभार्थियों के बीच बंटा है। जुलाई महीने के कोटे का 89.4 फीसदी अनाज का वितरण हो चुका है।
बिहार में पीएमजीकेएवाई के तहत पीडीएस के करीब एक करोड़ लाभार्थियों के बीच अगस्त महीने के कोटे से 50,222 टन अनाज बांटा गया है जोकि महीने के कोटे का 12 फीसदी है। वहीं, उत्तर प्रदेश में 14 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों के बीच 7,05,866 टन अनाज पीएमजीकेएवाई के तहत अगस्त के कोटे से बांटा गया है जोकि महीने के कोटे का 96 फीसदी है। उत्तर प्रदेश में जुलाई महीने के कोटे का भी 96 फीसदी अनाज बंट चुका है।
वहीं, पश्चिम बंगाल, पंजाब, मध्यप्रदेश और पुडुचेरी में पीएमजीकेएवाई के तहत अगस्त महीने के कोटे से अनाज का वितरण नहीं हुआ है जबकि देश की राजधानी दिल्ली में अगस्त महीने के कोटे का 74 फीसदी अनाज बंट चुका है।
कोरोना काल में केंद्र सरकार ने देश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत पीडीएस के करीब 81 करोड़ लाभार्थियों के लिए मुफ्त अनाज वितरण योजना 'पीएमजीकेएवाई' पहले तीन महीने-अप्रैल, मई और जून के लिए शुरू की थी जिसे बढ़ाकर बाद में नवंबर तक के लिए कर दिया गया है।
इस योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को हर महीने पांच किलो अनाज (गेहूं/चावल) मुफ्त दिया जाता है। इसके अलावा, प्रत्येक लाभार्थी परिवार को जुलाई से एक किलो साबूत चना दिया जाता है। पहले तीन महीने के दौरान साबूत चना के बदले प्रसंस्कृत दाल एक किलो दी जाती थी।
केंद्र सरकार ने गैर-राशन कार्डधारी प्रवासी मजदूरों के लिए भी आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत दो महीने – मई और जून- के लिए मुफ्त अनाज वितरण योजना शुरू की जिसके तहत कुल 8,00,268 टन अनाज का आवंटन किया गया। इसमें से 30 जून तक राज्यों ने 6,38,729 टन अनाज का उठाव किया। मगर, सिर्फ 2,65,071 टन अनाज का वितरण हो पाया जो कि कुल उठाव का 41 फीसदी है।.