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प्रधानमंत्री मोदी ने अफगान राष्ट्रपति से टेलीफोन पर बात की

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. अशरफ गनी से सोमवार को टेलीफोन पर बातचीत की। दोनों राजनेताओं ने इस क्षेत्र में उभरती सुरक्षा स्थिति के साथ-साथ आपसी द्विपक्षीय हित वाले अन्य क्षेत्रों पर भी विचार-विमर्श किया। इसके आलावा दोनों राजनेताओं ने एक-दूसरे को ‘ईद-उल-अजहा’ की बधाई भी दी।

राष्ट्रपति गनी ने अफगानिस्तान की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए समय पर खाद्य पदार्थों और चिकित्सीय सहायता की आपूर्ति करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने शांतिपूर्ण, समृद्ध और समावेशी अफगानिस्तान की आकांक्षा कर रहे अफगानिस्तान के लोगों के प्रति भारत की कटिबद्धता को दोहराया।

दोनों नेताओं की बात ऐसे समय पर हुई जब इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों ने रविवार शाम को जलालाबाद की एक जेल पर एक हमला कर दिया और अफगान सुरक्षा बलों के साथ चली लड़ाई में सोमवार तक कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई। जबकि आतंकवादियों के रात भर चले हमले के बाद जेल टूट गई और कई कैदी फरार हो गए।

रविवार शाम को जेल के प्रवेश द्वार पर कार बम विस्फोट के साथ आतंकवादी हमला शुरू हुआ। इसके बाद और कई धमाकों की आवाजों को सुना गया। इसके बाद आईएस बंदूकधारियों ने सुरक्षा गार्डों पर गोलियां चलाईं।

नंगरहार प्रांत की राजधानी में विधायिका के सदस्य सोहराब कादरी के अनुसार जेल पर हमले में करीब 30 आतंकवादी शामिल थे, जहां करीब 2,000 कैदी थे।

गवर्नर के एक प्रवक्ता अताउल्लाह खुगयानी ने कहा कि शुरुआती हमले के दौरान तीन आतंकवादी मारे गए और रात भर चली गोलीबारी में कम से कम 21 नागरिकों और सुरक्षा बलों के सदस्यों की मौत हो गई और 43 घायल हो गए। ।

अराजकता के बीच भागे कैदियों को वापस पकड़ने के लिए पुलिस को भारी संख्या में अपने जवानों को उतारने के लिए मजबूर होना पड़ा और सोमवार को दोपहर तक लगभग 1,000 कैदियों को वापस पकड़ा गया। कादरी ने कहा कि इससे साफ पता चलता है कि कितने बड़े पैमाने पर हमला किया गया था।

अधिकारियों के अनुसार पुलिस का सहयोग करने के लिए विशेष रक्षा बल पहुंचे और नागरिकों को जेल के आसपास के क्षेत्रों से निकाला जा रहा था। इस जेल में तालिबान और आईएस कैदियों को आम अपराधियों के साथ रखा जा रहा था।

आतंकी संगठन आईएस ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। जो अफगान खुफिया एजेंसी के उस बयान के एक दिन बाद हुआ, जिसमें कहा गया था कि विशेष बलों ने नांगरहार की प्रांतीय राजधानी जलालाबाद के पास आईएस समूह के एक वरिष्ठ कमांडर को मार दिया था।

पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि अफगानिस्तान में लगभग 2,200 आईएस सदस्य हैं। जबकि आतंकी समूह क्षेत्रीय रूप से पीछे हटने की स्थिति में है और इसका नेतृत्व खत्म हो गया है, फिर भी यह कुछ बड़े हमलों को अंजाम देने में सक्षम है।.