चीन में हाल ही में दो ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जो आखिरकार दुनिया को झकझोर सकती हैं। इससे पता चलता है कि चीन के झिंजियांग में उइगर मुस्लिम जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ किस तरह के अत्याचार हो रहे हैं।
पहला उइगर महिलाओं की व्यवस्थित नसबंदी पर एक आधिकारिक रिपोर्ट है। दूसरा अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा द्वारा मानव बाल से बने 13 टन उत्पादों को जब्त करना है। आशंका है कि इनको नजरबंदी शिविरों में कैद किए गए उइगरों के जबरन काटे गये बालों से बनाया गया है। 10 लाख से अधिक तुर्क उइगरों को चीन में नजरबंदी शिविरों, जेलों और जबरन श्रम कारखानों में हिरासत में रखा गया है। इनको कठोर सैन्य अनुशासन के अधीन रखा गया है।
इन सामूहिक नजरबंदी शिविरों को उइगर लोगों को शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और मानसिक रूप से तोड़ने के लिए डिजाइन किया गया है। व्यवस्थित रूप से उइगर समुदाय में बच्चों के जन्मों को रोकना, उइगर लोगों को पूरे तौर पर मिटाने के लिए एक स्पष्ट इरादे को प्रदर्शित करता है।
2017 में झिंजियांग ने विशिष्ट स्थानीय निर्देशों के साथ एक क्रूर "स्पेशल कंपेन टू कंट्रोल बर्थ कंट्रोल वायलेशन" शुरू किया। 2019 तक सरकार ने दक्षिणी झिंजियांग में प्रसव उम्र की 80 प्रतिशत से अधिक महिलाओं को अंतर्गर्भाशयी उपकरणों (आईयूडी) और नसबंदी के लिए मजबूर करने की योजना बनाई।
इसका लक्ष्य "शून्य जन्म नियंत्रण" को हासिल करना था। सरकारी दस्तावेजों में 2019 और 2020 में लाखों महिलाओं की नसबंदी करने के लिए सरकारी वित्तीय मदद द्वारा बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया गया। यह पूरे चीन में एक बच्चे की पिछली नीति के तहत महिलाओं की जबरन नसबंदी के पैमाने से कहीं बहुत अधिक है।
इन नीतियों को लागू करने के लिए झिंजियांग सरकार ने प्रसव उम्र की महिलाओं को निशाना बनाया। इन महिलाओं के पास गिरफ्तार करके नजरबंदी शिविर में भेजे जाने से बचने के लिए मजबूरी में नसबंदी कराने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। एक बार हिरासत में लेने के बाद महिलाओं को गर्भनिरोधक इंजेक्शन, गर्भपात और अज्ञात दवाओं का सेवन करने के लिये मजबूर होना पड़ता है। आंकड़े बताते हैं कि सरकार अपने जन्म रोकथाम के लक्ष्यों को पूरा करने में सफल रही है। 2015 और 2018 के बीच उइगर इलाके में जनसंख्या वृद्धि दर 84 प्रतिशत घट गई।
2017 और 2018 के बीच केवल एक जिले में बांझ या विधवा महिलाओं की संख्या में क्रमशः 124 प्रतिशत और 117 प्रतिशत की वृद्धि हुई। चीन की आबादी का मात्र 1.8 प्रतिशत हिस्सा होने के बावजूद 2018 में चीन के सभी आईयूडी प्लेसमेंट में 80 प्रतिशत झिंजियांग में किया गया। इन आईयूडी को केवल सरकार द्वारा अनुमोदित सर्जरी द्वारा हटाया जा सकता है या फिर ऐसा करने वालों को जेल भेज दिया जाएगा। काशगर में प्रसव उम्र की केवल लगभग 3 प्रतिशत विवाहित महिलाओं ने 2019 में बच्चों को जन्म दिया।
उइगर पुरुषों को हिरासत में लिया गया और महिलाओं की नसबंदी की गई। सरकार ने उइगर लोगों के विनाश के लिए आधार तैयार किया है। शेष उइगर बच्चों में कम से कम 5 लाख को उनके परिवारों से अलग कर दिया गया है और राज्य द्वारा तथाकथित "बच्चों के आश्रयों" में पाला जा रहा है।
उइगर सबसे उन्नत पुलिस राज्य के तहत पीड़ित हैं। उनके जीवन के धार्मिक, पारिवारिक, सांस्कृतिक और सामाजिक पहलू पर व्यापक नियंत्रण और प्रतिबंध है। निगरानी की सुविधा के लिए झिंजियांग एक ग्रिड प्रबंधन प्रणाली के तहत काम करता है। शहरों और गांवों को लगभग 500 लोगों के वर्गों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक वर्ग में एक पुलिस स्टेशन होता है जो नियमित रूप से पहचान पत्र, चेहरे, डीएनए नमूने, उंगलियों के निशान और सेल फोन को स्कैन करके निवासियों की निगरानी करता है।
इन तरीकों को एक मशीन-संचालित प्रणाली द्वारा सहयोग किया जाता है। जिसे एकीकृत संयुक्त संचालन प्लेटफॉर्म के रूप में जाना जाता है। यह व्यवस्थित वीडियो निगरानी, स्मार्टफोन और अन्य निजी रिकॉर्ड से व्यक्तिगत डेटा एकत्र करने के लिए मशीन लर्निंग का उपयोग करता है ताकि नजरबंदी के लिए सूची तैयार की जा सके। उइगर घरों में 10 लाख से अधिक हान चीनी पहरेदार लगाए गए हैं, जो अंतरंग स्थानों को भी सरकार की नजर में लाते हैं। साफ है कि चीनी सरकार दुनिया में सबसे अधिक घुसपैठ वाली जन निगरानी प्रणाली का संचालन करती है।.