अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ट ट्रंप ने अफगानिस्तान में अपने विशेष राजदूत जालमी खलीलजाद को भारत भेजा है। खलीलजाद दिल्ली आकर विदेश मंत्री एस जयशंकर को मिलेंगे और दोहा में चल रही अफगान शांति वार्ता के बारे में औपचारिक तौर पर जानकारी साझा करेंगे। इससे पहले जालमी खलीलजाद इस साल मई में भारत आए थे। अमेरिका भारत को अफगानिस्तान-तालिबान शांति में बराबर का साझीदार बनाकर चल रहा है। ताकि किसी भी पक्ष को यह संकेत न जाए कि भारत इस शांति समझौता वार्ता से अलग है। खलीलजाद इससे पहले मई में भारत आए थे तब उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से भी मुलाकात की थी।
खलीलजाद के दिल्ली आने से पहले अफगानिस्तान शांति परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कतर की राजधानी दोहा में तालिबान और अफगान सरकार के बीच चल रही ऐतिहासिक वार्ता के विभिन्न पहलुओं पर भारत के शीर्ष अधिकारी के साथ चर्चा की थी। अब्दुल्ला और विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव जे पी सिंह ने तालिबान-अफगान सरकार के बीच चल रही वार्ता से इतर मुलाकात की थी।
अफगानिस्तानी नेता अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि, ‘भारतीय विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव जे पी सिंह के साथ बातचीत शानदार रही। हमने शांति प्रयासों के घटनाक्रमों की समीक्षा की। साथ ही इस वार्ता को वास्तविक क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय समर्थन की जरूरत पर भी चर्चा की गई। मैंने निरंतर सहयोग देने के लिये भारत का आभार भी व्यक्त किया है। तालिबान और अफगानिस्तान 19 साल से जारी युद्ध को खत्म करने के लिये पहली बार प्रत्यक्ष रूप से वार्ता कर रहे हैं। अफगानिस्तान में जारी युद्ध में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है।.