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चीन में शी जिनपिंग के खिलाफ मुंह खोलने की सजा 18 साल की कैद!

चीन में शी जिनपिंग के खिलाफ मुंह खोलने की सजा 18 साल की कैद!

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग न केवल दुनिया के लिए सबसे बड़े सिरदर्द बन गये हैं बल्कि अपने देश के लोगों के भी दुश्मन बन चुके हैं। शी जिनपिंग के खिलाफ लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। शी जिनपिंग जनता के गुस्से को खत्म करने के लिए दमनकारी कदम उठा रहे हैं। इसका उदाहरण चीन के अरबपति बिजनेसमैन रेन झिकियांग हैं। रेन झिकियांग ने कोरोना वायरस से निपटने की शी जिनपिंग की नीतियों की आलोचना की थी। यह मामला इसी साल मार्च का बताया जाता है। रेन झिकियांग मार्च से लापता थे। अब पता चला है कि कम्युनिस्ट सरकार की अदालत में रेन झिकियांग ने अवैध धन के आरोप को स्वीकार किया है। अदालत ने उन्हें इसी आरोप में 18 साल के लिए जेल में डाल दिया है।

चीन की राजधानी पेइचिंग की एक अदालत ने कहा कि रेन झिकियांग भ्रष्‍टाचार के दोषी पाए गए हैं। रेन पर करोड़ों डॉलर की घूस लेने का भी आरोप लगाया गया था। जज ने रेन को 18 साल जेल की सजा सुनाई और छह लाख 20 हजार डॉलर का जुर्माना भी लगाया।

अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में नेतृत्‍व पर सवाल उठाने वाले लोगों के खिलाफ अक्‍सर भ्रष्‍टाचार का आरोप लगाकर उन्‍हें जेल में डाल दिया जाता है। प्रेस पर नियंत्रण (सेंसरशिप) और अन्य संवेदनशील विषयों के बारे में अपनी बेबाक राय रखने वाले रेन झिकियांग मार्च में एक लेख ऑनलाइन प्रकाशित करने के बाद से ही सार्वजनिक रूप से नहीं दिखे हैं। चीन में 2012 में राष्ट्रपति बने शी ने आलोचनाओं को दबाने, सेंसरशिप को सख्त करने और गैर आधिकारिक संगठनों पर नकेल कसते हुए दर्जनों पत्रकार, श्रम और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को कैद कर लिया है।

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