चीन इन दिनों दुनियाभर में अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए कई चालें चल रहा है। कई देशों को कर्ज के नाम पर उनकी अर्थव्यवस्था की चाभी अपने हाथ में लेना चाहता है तो कई देशों में किसी और काम का हवाला देकर अपने पोर्ट और आर्मी तैनात कर रहा है। इसके साथ ही दुनियाभर में काम कर रही चीनी कंपिनियों को चीन ने जासूसी पर लगा रखा है। अमेरिका में चीन की कई कंपनियों को जासूसी करते हुए पकड़ा गया जिसके बाद यूएस ने उन्हें ब्लैकलिस्ट में डाल दिया। अब नेपाल ने भी चीन की तीन कंपनियों को नियमों के उल्लंघन के मामले में कार्रवाई करते हुए काली सूची में डाल दिया है।
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चीन की चालबाजी को लेकर दुनिया सतर्क हो रही है। नेपाल भी अब सतर्क हो गया है और नेपाल में चल रहे चीन के निर्माणकार्यों को लेकर करारा झटका दिया है। एशियाई विकास बैंक (ADB) ने चीन की निर्माण फर्मों के खिलाफ बड़ा कमद उठाते हुए चीन की तीन बड़ी निर्माण कंपनियों को नेपाल के प्रमुख हावाई अड्डे के कंस्ट्रक्शन में भाग लेने से रोक दिया है। मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, मनीला स्थित बहुपक्षीय वित्त पोषण एजेंसी के भ्रष्टाचार विरोधी कार्यालय ने चीन की तीन राज्य समर्थित कंपनियों को अखंडता के नियमों का उल्लंघन करने की सजा दी है।
इन तीन प्रतिबंधित कंपनियों में सीएमसी इंजीनियरिंग कंपनी, नार्थवेस्ट सिविल एविएशन एयरपोर्ट कंस्ट्रक्शन ग्रुप और चाइना हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी शामिल हैं। लगभग 24 कंपनियों ने काठमांडू में त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा की विकास परियोजना में 10 अरब नेपाली रुपये की बोली लगाकर दस्तावेज खरीदे थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बोली लगाने वाली 24 कंपनियों में सिर्फ चार चीनी कंपनियों ने ही अपने दस्तावेज सौंपे थे। नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने उच्च अधिकारी का हवाला देते हुए बताया कि चार कंपनियों में से दो कंपिनयों को एशियाई विकास बैंक ने ब्लैक लिस्ट किया है।
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इन कंपनियों को एशियाई विकास बैंक की गाइडलाइंस का पालन न करने के मामले में ब्लैक लिस्ट किया गया है। साथ ही एशियाई विकास बैंक की ओर से वित्तीय सहायक परियोजनाओं के तहत प्रतिबंधित सूची में भी डाला गया है।