अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बीच अफगान सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया है। पिछले 48 घण्टों से चल रहे इस अभियान में 172 तालीबानी आतंकी मारे गए हैं। इतनी बड़ी संख्या में तालीबानी आतंकी मारे जाने से पाकिस्तान सरकार के पेट में दर्द होने लगा है। इसका कारण यह है कि ये सभी आतंकी पाकिस्तान के ही पालतू आतंकी हैं। ये पाकिस्तान से हथियार पैसा और ट्रेनिंग लेकर अफगान सरकार और अफगान जनता के खिलाफ हिंसा कर रहे हैं।
पाकिस्तान अफगानिस्तान में कठमुल्ला सरकार बैठाकर उन्हें अपने इशारों पर नचाना चाहता है। दो दिन में इतनी बड़ी संख्या में तालीबानियों के मारे जाने से जहां पाकिस्तान को झटका लगा है तो वहीं कुछ प्रांतों में तालीबान की रीढ़ ही टूट गई है।
अफगानिस्तान के सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 48 घंटों के दौरान तालिबान आतंकवादियों के खिलाफ अफगान राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा बल (एएनडीएसएफ) की सिलसिलेवार कार्रवाई में 172 आतंकवादी मारे गये हैं। अफगानी सेना के मुताबिक नांगरहार, कंधार, फरयाब, निमरुज, बदख्शां और तखार प्रांतों में एएनडीएसएफ की ओर से छेड़े गये अभियान में 172 तालिबान आतंकवादी मारे गये जबकि 100 से अधिक घायल हुए हैं। मृत आतंकवादियों में तालिबान समूह के कमांडरों में से एक कारी रहमतुल्ला भी शामिल है।
अभियान के दौरान काफी संख्या में हथियार बरामद किये गये और बहुत से शक्तिशाली विस्फोटकों को निष्क्रिय किया गया। अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच अमेरिका की मध्यस्थता में शांति प्रक्रिया सितंबर-2020 में शुरू हो गयी थी, लेकिन नतीजा सिफर रहा है। वहीं पिछले कुछ महीनों से देश में हिंसा की घटनाएं बढ़ी है। पाकिस्तान की शह हासिल कर तालीबानी आतंकी अफगानिस्तान के कुछ इलाकों में अपनी सल्तनत काबिज करने की कोशिश कर रहे हैं।