पाकिस्तान के बाद अब अफगानिस्तान में भी अल्पसंख्यकों के उपर अत्याचार किया जा रहा है। जैसे पाकिस्तान में हिंदुओं को निशाना बनाया जाता है उसी तरह अफगानिस्तान में तालिबानी हिंदू, सिखों पर हमला कर रहे हैं। खबरों के मुताबिक अफगानिस्तान के पक्तिया प्रांत में स्थित चमकानी इलाके के गुरुद्वारा थाला साहिब की छत से तालिबान ने सिखों के पवित्र ध्वज निशान साहिब को उतरवा दिया है। इस बीच अफगानिस्तान सरकार के मीडिया और सूचना निदेशक दावा खान मेनपाल की काबुल में हत्या कर दी गई है।
इस हत्या की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है। दावा खान तालिबान के खिलाफ बोलते लिखते रहते थे। हालिया दिनों में पाकिस्तानी छद्म युद्ध के खिलाफ बहुत बोल रहे थे। बता दें कि दावा खान अफगान सरकार के पूर्व प्रवक्ता रहे हैं। अफगानिस्तान गृह मंत्रालय के प्रवक्ता मीरवाइस स्टानिकजई ने एक बयान में कहा है की उन्होंने कहा, 'क्रूर आतंकियों ने एक बार फिर कायरतापूर्ण काम किया है। एक देशभक्त अफगान को शहीद कर दिया।
आपको बता दें कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के लौटते ही तालिबान एक्टिव हो गया है। फिर से अफगानिस्तान में तालिबानी शासन लागू करने की कोशिश की जा रही है। पिछले ही हफ्ते तालिबान ने मशहूर अफगान कॉमेडियन की हत्या कर दी थी। 5 अगस्त को तालिबान ने अफगानिस्तान के प्रसिद्ध कवि और इतिहासकार अब्दुल्ला आतिफी की हत्या कर दी थी। तालिबान का दावा है कि उसके लड़ाकों ने अफगानिस्तान के 90 फीसदी हिस्से पर कब्जा जमा लिया है।